अगर एसएफआई के खिलाफ स्टोरी की गई तो फिर से मीडिया पर करेंगे केस : केरल सीपीआई(एम) सचिव

Sabal SIngh Bhati
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Sabal SIngh Bhati - Editor
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तिरुवनंतपुरम, 11 जून ()। केरल में सत्तारूढ़ माकपा को एसएफआई के राज्य सचिव पी.एम. अशरे मामले में एक महिला पत्रकार व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, तो वहीं माकपा केरल के राज्य सचिव और वरिष्ठ नेता एम.वी. गोविंदन ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि अगर सरकार पार्टी के छात्र संगठन एसएफआई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराती है, तो वह फिर से मीडिया के खिलाफ मामला दर्ज कराएंगे।

केरल की एर्नाकुलम पुलिस ने महाराजा कॉलेज के प्रोफेसर विनोद कुमार, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वी.एस. जॉय, कांग्रेस छात्र निकाय के प्रदेश अध्यक्ष, केएसयू अलोसिओइस जेवियर और केएसयू कॉलेज इकाई के अध्यक्ष सी.ए. फैसल और एशियानेट न्यूज की चीफ रिपोर्टर अखिला नंदकुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था।

एसएफआई के राज्य सचिव पी.एम. अशरे की शिकायत पर मामला दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने कहा कि अखिला नंदकुमार ने अपनी स्टोरी में कहा कि उसने (अशरे) ने एक ऐसी परीक्षा उत्तीर्ण की है जिसे उसने लिखा नहीं था। अखिला ने कहा, स्टोरी का उद्देश्य उसे बदनाम करना था। अशरे के अनुसार, उसने पुरातत्व और सामग्री सांस्कृतिक अध्ययन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम के 2021-22 बैच के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया था, इसलिए उसके परीक्षा में उत्तीर्ण होने की संभावना ही नहीं थी।

कांग्रेस-समर्थक छात्र निकाय केरल छात्र संघ (केएसयू)ने दावा किया था कि कॉलेज की वेबसाइट के दस्तावेज में यह उल्लेख किया गया था कि अशरे ने परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जबकि शून्य अंक मिला था।

माकपा और वाम मोर्चा हमेशा मीडिया की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाते रहे हैं और अक्सर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ होने का आरोप लगाते हैं। एक महिला पत्रकार और सीपीआई (एम) के राज्य सचिव के आक्रामक तरीके से बचाव करने के खिलाफ केरल पुलिस की कार्रवाई की भारी आलोचना की जा रही है।

एसएफआई नेता अशरे एक सरकारी कॉलेज में गेस्ट लेक्च रर के रूप में पोस्टिंग पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों पर एसएफआई के एक पूर्व कार्यकर्ता के.विद्या को बचाने के आरोपों के लिए पहले से ही कटघरे में हैं। केरल पुलिस ने विद्या के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी एसएफआई की महिला नेता का कोई पता नहीं चला है।

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