जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट ने बुधवार को केरवा बांध का निरीक्षण किया और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा, मुख्य अभियंता ईएंडएम बीएस रावत, मुख्य अभियंता भोपाल आरडी अहिरवार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री ने कहा कि बांधों, जलाशयों और उन पर बनी संरचनाओं की सुरक्षा सरकार की उच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के सभी 25 वर्ष पुराने बांधों का सर्वे कराएं, जहाँ आवश्यक हो कार्य कराएं और उनकी शत-प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करें।
केरवा बांध के फुट ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने की जांच कराएं और पुनर्निर्माण कार्य तुरंत प्रारंभ करें। कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए कि फुटब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के कारण की विस्तृत जांच कराई जाए। सुधार कार्य का एस्टीमेट तैयार कर कार्य प्रारम्भ कराया जाए और इसे 5 माह में पूर्ण किया जाए। सभी स्लेबों एवं गेटों का पुनः निर्माण कराया जाए। कार्य की प्रगति प्रत्येक एक माह में अवगत कराई जाए।
जल संसाधन मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रत्येक बेसिन के मुख्य अभियंता अपने क्षेत्र के बांधों का निरीक्षण करें, प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक जिले का निरीक्षण करें। मंत्री ने कहा कि 25 वर्षों से पूर्व निर्मित बांधों के गेटों को आवश्यकता अनुसार चरणबद्ध तरीके से बदला जाए। बता दें कि केरवा बांध के लेफ्ट फ्लेंक पर स्थित फुट ब्रिज का एक स्पान मंगलवार को क्षतिग्रस्त हो गया था। बांध का निर्माण 1975 में आरंभ होकर 1980 में पूर्ण किया गया था।
बांध में कुल 04 स्लैब हैं, जिनमें 08 ऑटोमेटिक टिलटिंग गेट लगे हुए हैं।

