भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और बिहार चुनाव में राजद के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उनका मुंबई का बंगला विवाद का केंद्र बना है। मीरा भायंदर महानगरपालिका ने खेसारी लाल को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनके बंगले के कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। मीडिया में उनकी स्थिति को लेकर बहस चल रही है। अभी तक खेसारी लाल या उनके परिवार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वे चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि वे इस मुद्दे पर बयान देंगे। मनपा ने स्पष्ट किया है कि यदि नोटिस की अवधि में अवैध संरचना नहीं हटाई गई, तो कार्रवाई की जाएगी। खेसारी लाल का बंगला मीरा रोड पर नताशा पार्क के पीछे स्थित कनासिक काउंटी परिसर में है। हाल ही में मनपा की अतिक्रमण शाखा ने निरीक्षण किया, जिसमें बंगले के बाहरी हिस्से में लोहे के एंगल और टिन की छतों से बने शेड पर आपत्ति जताई गई।
अधिकारियों का कहना है कि यह निर्माण स्वीकृत नक्शे के विपरीत है और बिना अनुमति के किया गया है। नगर निगम के नोटिस में कहा गया है कि एंगल और शेड को तुरंत हटाया जाए, अन्यथा बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। नोटिस ऐसे समय आया है, जब खेसारी लाल यादव बिहार विधानसभा चुनाव में छपरा सीट से राजद उम्मीदवार हैं। उनके परिवार का भी बिहार में होना बताया गया है। अतिक्रमण टीम के पहुंचने पर बंगले पर कोई मौजूद नहीं था, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि वर्षों से बने इस बंगले पर अचानक कार्रवाई क्यों की गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अन्य मकानों में भी इसी तरह के निर्माण हुए हैं, लेकिन नोटिस केवल खेसारी लाल को ही भेजा गया है। राजनीतिक गलियारों में इस मामले की टाइमिंग को लेकर चर्चा हो रही है। समर्थकों का कहना है कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है, ताकि खेसारी लाल पर दबाव बनाया जा सके। मनपा अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है और किसी व्यक्ति के प्रभाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
अतिक्रमण विभाग का दावा है कि उन्होंने क्षेत्र के कई घरों की जांच की है और अनधिकृत निर्माण पर नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह बंगला कई साल पहले बना था और तब से इसी रूप में खड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निर्माण अवैध था, तो मनपा को पहले कार्रवाई करनी चाहिए थी। अब जब खेसारी लाल चुनाव में हैं, तो अचानक नोटिस भेजना लोगों को हैरान कर रहा है। कुछ लोग इसे राजनीति और प्रशासन के बीच शक्ति प्रदर्शन का मामला मानते हैं। खेसारी लाल के समर्थक इसे चुनावी षड्यंत्र बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर बहस चल रही है। कुछ यूजर्स ने मनपा की कार्रवाई को सही ठहराया है, जबकि अन्य का कहना है कि खेसारी लाल को निशाना बनाया जा रहा है। खेसारी लाल ने अपने मेहनत से घर बनाया है और अब बीएमसी ने उनके घर तोड़ने का नोटिस भेज दिया है।


