कोटा। नगर निगम कोटा उत्तर के वार्ड नंबर 25 की स्थिति बदहाल होती जा रही है। वार्ड में बने दो सामुदायिक भवन लोगों के लिए सुविधा केंद्र की बजाय परेशानी का कारण बन चुके हैं। इन भवनों में न तो लाइट की व्यवस्था है और न ही पानी उपलब्ध है। जिन भवनों को आमजन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था, वे आज जर्जर हालत में खड़े हैं। मरम्मत और देखरेख के अभाव में इन भवनों का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। वहीं संजय नगर में कचरा प्वाइंट लोगों की परेशानी बना हुआ है।
नालियां खुली पड़ी हुई हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी अधूरी है। वार्ड में सुरक्षा व्यवस्था की कमी है। इलाके में असामाजिक तत्वों की आवाजाही को रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। सीसीटीवी कैमरे भी नहीं हैं, जिससे अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देना आसान हो जाता है। वार्ड में गश्त और सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जाने चाहिए। संजय नगर क्षेत्र में बना कचरा प्वाइंट लोगों की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। यहाँ कचरे का ढेर लंबे समय तक पड़ा रहता है, जिससे दुर्गंध और गंदगी फैलती है।
रहवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद नगर निगम इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहा। वार्ड 25 के लोग चाहते हैं कि नगर निगम जल्द से जल्द सामुदायिक भवनों की मरम्मत कराए और उनमें लाइट व पानी की सुविधा उपलब्ध कराए। साथ ही, वार्ड में एक पार्क का निर्माण किया जाए ताकि बच्चों और बुजुर्गों को सुविधा मिल सके। कचरा प्वाइंट को व्यवस्थित किया जाए। सबसे अहम, सुरक्षा के लिए वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ और पुलिस गश्त बढ़ाई जाए। वार्ड का एरिया संजय नगर, हुसैनी नगर का क्षेत्र शामिल है।
इनका कहना है कि वार्ड में कई विकास कार्य करवाए गए हैं। सामुदायिक भवन के लिए कई बार अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवाया गया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। सरकार बदलने के साथ ही अधिकारियों का हमारे प्रति व्यवहार भी बदल गया है, जिसके कारण कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।- फेजल बैग, पार्षद। पिछले दो साल से इस वार्ड के दो सामुदायिक भवनों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। इन भवनों में न तो पर्याप्त बिजली और पानी की सुविधा है, और न ही स्वच्छ शौचालय उपलब्ध हैं।
अंदर की स्थिति भी जर्जर है, जिससे ये भवन लोगों के लिए सुविधा के बजाय परेशानी का कारण बन गए हैं।- गुलशन बानो, वार्डवासी। बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ी समस्या है पार्क की अनुपस्थिति। रहवासी बताते हैं कि वार्ड में एक भी ऐसा पार्क नहीं है जहाँ बच्चे खेल सकें और बुजुर्ग सुबह-शाम टहल सकें। हरियाली और खुला वातावरण न होने से लोगों को खुले में शारीरिक गतिविधियों का अवसर नहीं मिलता। इससे क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।