कोटा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 33 की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। वार्ड में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। नियमित सफाई न होने से गलियों और मुख्य सड़कों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियां लंबे समय से जाम पड़ी हैं, जिनमें गंदा पानी और कचरा भरा रहता है। इससे मच्छरों और बदबू की समस्या लगातार बढ़ रही है। बरसात के दिनों में यह समस्या और विकराल हो जाती है जब पानी गलियों में भरकर घरों तक पहुंच जाता है।
रहवासी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उनकी समस्याओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा। उनका कहना है कि चुनाव के समय नेताओं और पार्षदों द्वारा वादे तो बहुत किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में काम नजर नहीं आता। वार्ड की गलियों में रात के समय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। शराब और नशे का सेवन खुलेआम किया जाता है, जिससे माहौल खराब हो रहा है। महिलाएं और बच्चे देर शाम के बाद बाहर निकलने से डरते हैं। वार्ड की गलियां तंग और कचरे से अटी पड़ी हैं। रहवासी रोजाना इनसे गुजरने को मजबूर हैं।
वाहन तक ठीक से नहीं निकल पाते। गलियों की गंदगी और बदबू से लोगों का जीना दूभर हो गया है। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। वार्ड का एरिया इमली चौक, शुजाउद्दीन चौक, मांगीलाल बीडी वाले का मकान, गोरी हाजी गली, भिस्तियों की मस्जिद, अजीज जुते वाले का मकान, पुरानी हरिजन बस्ती, गुले गुलजार, कुरेशियों की मस्जिद। स्थिति और भी भयावह तब हो जाती है जब बिजली के खंभों से लटकते तार घरों के सहारे झूलते नजर आते हैं। कई जगह तार खुले पड़े हुए हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं।
बारिश के दिनों में इनसे करंट दौड़ने का खतरा और बढ़ जाता है। उन्होंने कई बार नगर निगम और पार्षद को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि यदि जल्द ही सफाई व्यवस्था सुधारी नहीं गई और असामाजिक तत्वों पर लगाम नहीं कसी गई तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।