कोटा के वार्ड 47 में नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है

Tina Chouhan

कोटा। शहर के नगर निगम के उतर वार्ड 47 में बदहाली का आलम छाया हुआ है। वार्ड की अधिकतर कॉलोनियों में नालियां ओवरफ्लो हो रही हैं। बरसात के दिनों में पानी नालियों के बाहर भी आ जाता है। वहीं वार्ड में आवारा कुत्तों से भी राहगीर व रहवासी परेशान हैं। रात को वाहन चालकों के पीछे दौड़ते रहते हैं जिससे चोटिल होने की आशंका बनी रहती है। वार्ड में भोलेनाथ मंदिर के पास नाला खुला हुआ तथा जाम हो रखा है। वहीं कई कॉलोनियों में तार नीचे की तरफ झूल रहे हैं। मुख्य सड़कों पर गायें बेसहारा घूम रही हैं।

रहवासियों का कहना है कि वार्ड पार्षद को इस समस्या की तरफ कई बार अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की गई। कचरा गाड़ी के आने-जाने का कोई निर्धारित समय नहीं होने से स्थिति और खराब हो जाती है। गाड़ी के साथ हेल्पर भी नहीं आते, जिससे कचरा उठाने में बेहद लापरवाही देखने को मिल रही है। भोलेनाथ मंदिर के पास खुला और जाम नाला वार्ड के भोलेनाथ मंदिर क्षेत्र में एक बड़ा नाला वर्षों से खुला पड़ा है। यह नाला जाम होकर बदहाल स्थिति में है।

रात के समय राहगीरों को यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि खुला नाला दुर्घटना की आशंका पैदा करता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह नाला लोगों की सेहत और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बना हुआ है। घरों के आगे झूलते तार कई कॉलोनियों में बिजली के तार काफी नीचे झूल रहे हैं। यह स्थिति बच्चों और राहगीरों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार बिजली विभाग को इस बारे में सूचना दी जा चुकी है, लेकिन सुधार के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलता है।

गर्मी और बरसात के मौसम में इन तारों से हादसे होने की संभावना और बढ़ जाती है। नालियों में साफ-सफाई का अभाव वार्ड की सबसे गंभीर समस्याओं में नालियों का ओवरफ्लो होना प्रमुख है। कई कॉलोनियों में नालियां महीनों से साफ नहीं हुई हैं, जिसके कारण गंदा पानी बाहर बहने लगता है। बरसात के दौरान यह जलजमाव घरों के बाहर तक पहुंच जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि बदबू, मच्छर और संक्रमण की आशंका हर समय मंडराती रहती है। वार्ड एरिया सम्पूर्ण चौपड़ा फार्म, मानसिंह बिल्डिंग, राधाकृष्ण मंदिर, आर्य समाज, न्यू कविता स्कूल, शंकर भवन का क्षेत्र शामिल है।

ये बोले वार्डवासी गलियों में घूम रहे आवारा पशु कई सालों से यही समस्याएं बनी हुई हैं, लेकिन नगर निगम और जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। रहवासियों ने बताया कि साफ-सफाई, नालियों की व्यवस्था, बिजली के तारों का सुधार और आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए बार-बार शिकायतें दी गईं, परन्तु स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। -लाला शर्मा, रहवासी वार्ड में नहीं है बच्चों के खेलने का पार्क रहवासियों ने बताया कि बच्चों के खेलने के लिए पार्क का न होना है।

आज की जीवनशैली में जहां बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खुली जगहें आवश्यक हैं, वहीं इस वार्ड में किसी भी कॉलोनी में पार्क उपलब्ध नहीं है। बच्चों को खेलने के लिए अन्य इलाकों में जाना पड़ता है। इस दौरान मुख्य सड़कों को पार करना पड़ता है, जो छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है। अभिभावक बताते हैं कि पार्क की कमी के कारण बच्चे घरों में कैद होकर मोबाइल और टीवी में व्यस्त रहने लगे हैं।

-जीविका कुमारी, रहवासी आवारा कुत्तों और गायों से बढ़ी परेशानी आवारा पशु भी लोगों की परेशानी का बड़ा कारण बने हुए हैं। रात के समय आवारा कुत्ते राहगीरों और वाहन चालकों के पीछे दौड़ते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। कई बुजुर्ग और बच्चे इनके कारण घायल भी हो चुके हैं। साथ ही मुख्य सड़कों पर बेसहारा घूमती गायें भी यातायात में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। वाहन चालकों के लिए अचानक सड़क पर आ जाने वाली गायें अक्सर खतरा बन जाती हैं।

रहवासी नगर निगम से बार-बार शिकायत कर चुके हैं, परन्तु स्थिति जस की तस बनी हुई है। -हरिराम, रहवासी इनका कहना है मैं कांग्रेस का पार्षद हूं। हमारी सरकार जाने के बाद अधिकारियों ने हमारी बातों पर ध्यान देना लगभग बंद कर दिया, जबकि हमारे कार्यकाल में वार्ड में अनेक विकास कार्य कराए गए और सफाई व्यवस्था भी नियमित रूप से संचालित होती थी। अब जबकि हमारा कार्यकाल समाप्त हो चुका है, पद पर रहते हुए जैसी सक्रिय भूमिका निभा पाना संभव नहीं है, परंतु हम वार्ड हित के मुद्दों को उठाते रहेंगे।- गोपालदास, पार्षद

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