कोटा के वार्ड 51 में सफाई और पार्कों की स्थिति चिंताजनक

Tina Chouhan

कोटा। वार्ड में कई विकास कार्य हुए हैं, लेकिन स्थानीय रहवासी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। वार्ड की सड़कों पर लगी रोड़ लाइटें लंबे समय से बंद हैं, जिससे रात में अंधेरा और असुरक्षा का माहौल बना रहता है। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान हैं। पार्कों की उचित देखरेख न होने से उनकी स्थिति बिगड़ रही है। वर्षों से जाम हो रहे चेम्बर समय पर साफ नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

वार्डवासी का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नगर निगम ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। वार्डवासियों की उम्मीद है कि उनकी आवाज जल्द सुनी जाएगी और क्षेत्र को गंदगी और असुविधाओं से मुक्ति मिलेगी। अंबेडकर कॉलोनी में बने चेम्बरों की स्थिति सही नहीं है।

वार्डवासियों का कहना है कि इन चेम्बरों की बनावट सही नहीं है, जिससे बरसात में ये चेम्बर जाम हो जाते हैं और गंदा पानी सड़क पर फैलकर पूरे क्षेत्र को दुर्गंधयुक्त बना देता है। वार्ड का क्षेत्र थर्मल कॉलोनी, कुन्हाडी थाना, संत तुकाराम सामुदायिक भवन, अंबेडकर कॉलोनी, हनुमानगढी को शामिल करता है। नालियों की समय पर सफाई नहीं होने से उनमें गंदगी जमा रहती है, जिससे मच्छर और अन्य कीड़े पनपते हैं और बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बरसात में स्थिति और खराब हो जाती है जब गंदा पानी घरों के पास तक भर जाता है।

वार्ड के पार्कों की स्थिति भी नाराजगी का कारण बनी हुई है। पार्कों में लगे झूले लंबे समय से टूटे हैं और उनकी मरम्मत नहीं की गई है। पार्कों में जंगली घास फैली हुई है, जिससे बच्चों के खेलने की जगह असुरक्षित हो गई है। आवारा कुत्तों की समस्या भी बढ़ रही है। रात में कुत्तों का भय इतना ज्यादा होता है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाते। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। कई बार कुत्तों के झुंड हमला भी कर देते हैं। वार्ड में कई विकास कार्य करवाए गए हैं।

सफाई व्यवस्था भी सही है, लेकिन समस्याओं को लेकर अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। नगर निगम केवल कागजों में सफाई और विकास कार्यों का दावा करता है, जबकि वास्तविकता अलग है। सरकार बदलते ही अधिकारियों का रवैया भी बदल गया है, जिसका खामियाजा वार्डवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

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