पितृ पक्ष का अंतिम दिन और पितृ अमावस्या

vikram singh Bhati

नई दिल्ली। आज रविवार को पितृ अमावस्या है, जो पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी है। अश्विन मास की अमावस्या को पितृ पक्ष का समापन होता है। इस दिन अंतिम श्राद्ध और तर्पण के बाद पितृ विदा होते हैं। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इन 15 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और दुखों को दूर कर लौट जाते हैं।

पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है और आश्विन अमावस्या के दिन इसका समापन होता है। इस बार 7 सितंबर से शुरू हुआ पितृ पक्ष आज 21 सितंबर को समाप्त हो रहा है। इस दिन महालया अमावस्या है, जो पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। अमावस्या श्राद्ध को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन श्राद्ध करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal