नई दिल्ली। जब चांद अपनी गति से चल रहा था, तब रात 9 बजकर 56 मिनट पर ग्रहण का अवरोध आया और चांद रक्तिम रंग में बदल गया। ऐसा प्रतीत हुआ कि चांद ने इस अवरोध को देखकर पहली बार गुस्से में आकर आग बबूला हो गया हो। ग्रहण के दौरान लालिमा में रंगा सुधाकर ऐसा लगा जैसे आकाश पर किसी ने लाल रंग का आभूषण टोक दिया हो। चंद्रमा की यह आकर्षक आभा शाम से ही बेसब्री से इंतजार कर रहे खगोलप्रेमियों को बहुत भायी और लोग दूरबीन से या नंगी आंखों से इसे ध्यान से देखते रहे।
रविवार को साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण था। यह पूर्ण ग्रहण देश और दुनिया के कई स्थानों पर देखा गया। यह 2022 के बाद भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण था। चंद्रग्रहण रात 9:56 बजे शुरू हुआ और 3 घंटे 28 मिनट तक चला, जिसमें 82 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहा। इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चांद के बीच आ गई और उसकी छाया चांद पर पड़ी, जिससे चांद लाल-नारंगी रंग का दिखाई देने लगा। यह 27 जुलाई, 2018 के बाद पहली बार था जब ग्रहण को देश के सभी हिस्सों से देखा गया।
हालांकि, कई स्थानों पर बादल छाए रहने के कारण लोग इसे देखने में असफल रहे। यह चंद्रग्रहण भारत, एशिया, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और यूरोप समेत दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई दिया।