बंगाल : उद्योग के लिए आवंटित भूमि को पड़ी रहने से रोकने के लिए कानून में होगा संशोधन

Sabal Singh Bhati

कोलकाता, 11 जनवरी ()। उद्योगों की स्थापना के लिए दी गई भूमि को अनिश्चित काल के लिए अप्रयुक्त रखने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए, पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के मौजूदा भूमि जोत नियमों में संशोधन करेगी।

संशोधित नियम के तहत, राज्य सरकार के पास उद्योग के लिए दी गई भूमि को वापस लेने की शक्ति होगी यदि भूमि प्राप्तकर्ता ऐसा करने के लिए वास्तविक कारणों का उल्लेख किए बिना अनिश्चित काल के लिए उपयोग की गई भूमि रखता है। बुधवार को यहां राज्य सचिवालय नबन्ना में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस गिनती पर निर्णय लिया गया।

सूत्रों ने बताया कि उद्योग लगाने के लिए 99 साल की लीज पर जमीन लेने वाले उद्योगपतियों को ऐसी कीमत चुकानी पड़ती है जो मौजूदा बाजार दर से काफी कम है।

सूत्रों ने कहा, हालांकि, 99 साल के पट्टे पर उस जमीन को लेने के बाद भी, कई उद्योगपति उस जमीन को बिना किसी उद्योग की स्थापना के अनुपयोगी रखते हैं। एक बार भूमि नियमावली में संशोधन होने के बाद राज्य सरकार के पास उस 99 साल की पट्टे की भूमि को परिवर्तित करने का अधिकार होगा।

राज्य मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने कहा, फ्रीहोल्ड भूमि के स्वामित्व में। तब संबंधित उद्योगपति को या तो उस पूरी अप्रयुक्त भूमि को मौजूदा बाजार दर पर खरीदना होगा या उस अप्रयुक्त भूमि को राज्य सरकार को वापस करना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर संबंधित उद्योगपति राज्य सरकार को पट्टे पर दी गई जमीन वापस कर देता है, तो राज्य सरकार उस जमीन को किसी अन्य औद्योगिक घराने को आवंटित करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा, अगर संबंधित उद्योगपति उस पूरी जमीन को मौजूदा बाजार दर पर खरीदने का फैसला करता है, तो इससे राज्य सरकार के खजाने में इजाफा होगा।

वहीं, कैबिनेट के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने वाले उद्योगपतियों या व्यवसायियों को पुरस्कृत करने का फैसला भी लिया गया।

एसजीके

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times