चेन्नई, 28 फरवरी ()। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को डी. कौसे आजम बाशा की जमानत अर्जी खारिज कर दी। बाशा ने कथित रूप से अपने भाई डी. मस्तान की हत्या की साजिश रची थी और उसे अंजाम दिया था। डी. मस्तान तमिलनाडु अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष थे।
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति टी. वी. थमिलसेल्वी ने अभियोजन पक्ष के साथ-साथ दिवंगत नेता के बेटे हरीश शहानवाज की दलीलें सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सरकारी वकील विनोथ राज ने अपनी बहस के दौरान कहा कि हत्या के मामले की जांच प्रारंभिक चरण में है और आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अधिवक्ता ने मस्तान की हत्या की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी सौंपी।
मस्तान के बेटे के वकील एस. मनुराज ने कहा कि मस्तान की हत्या पूर्व नियोजित थी और फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार उसके मुवक्किल के पिता की आरोपियों ने गला दबाकर हत्या कर की थी। और आरोपी को जमानत देने का विरोध किया।
मस्तान की 21 दिसंबर को गुडुवनचेरी के पास मृत्यु हो गई थी और शुरू में कहा जा रहा था कि दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हुई है। लेकिन परिजनों ने दिल का दौरा के कारण मौत की थ्योरी को खारिज कर दिया था। हालांकि, उनके बेटे ने संदेह जताया और पुलिस ने याचिकाकर्ता के बेटे इमरान बाशा से पूछताछ की, जो उसकी मौत के समय मस्तान के साथ था।
आगे की जांच में पता चला कि पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर कुछ मुद्दों को लेकर बाशा और मस्तान के बीच अनबन चल रही थी।
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