नई दिल्ली। एंटवर्प की एक अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को शुक्रवार मंजूरी दे दी। अदालत ने यह फैसला भारत के अनुरोध पर बेल्जियम के अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए सुनाया। इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है, क्योंकि अदालत ने मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी को सही ठहराया है। हालांकि, मामला अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, क्योंकि चोकसी के पास इस फैसले के खिलाफ बेल्जियम की ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प मौजूद है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आदेश हमारे पक्ष में आया है। अदालत ने भारत के अनुरोध पर बेल्जियम अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को वैध करार दिया है। अब उसे भारत लाने की कानूनी प्रक्रिया का पहला चरण स्पष्ट हो गया है।” बेल्जियम के अभियोजकों को भारतीय विदेश मंत्रालय और सीबीआई अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला, जिन्होंने अदालत में यह तर्क मजबूती से रखा कि मेहुल चोकसी ने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।
अधिकारियों ने बताया कि अभियोजकों ने अदालत को यह भी बताया कि चोकसी के फरार होने का खतरा है, इसलिए उसे जेल से रिहा नहीं किया जा सकता।


