भारत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे करोड़ों लोग

Tina Chouhan

जयपुर। मानसिक स्वास्थ्य लोगों को जीवन के तनावों से लड़ने, अपनी क्षमताओं का एहसास करने, अच्छी तरह से सीखने, काम करने और समाज में योगदान करने में सक्षम बनाता है। यह हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। आकड़ों के अनुसार 19.73 करोड़ भारतीय यानी लगभग हर सात में से एक व्यक्ति किसी ना किसी मानसिक समस्या से पीड़ित है। जिनमें लगभग 45 मिलियन डिप्रेशन एवं इतने ही एंजाइटी डिसऑर्डर के केस हैं। मानसिक रोग व्यक्ति की सामाजिक, पारिवारिक, प्रोफेशनल लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानसिक बीमारियों का असर हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। वर्तमान समय में इन का इलाज संभव है और समय पर ली गई उचित मनोचिकित्सकीय सलाह से हम ऐसे व्यक्ति को एक सामान्य एवं सकारात्मक जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। आधुनिक जीवनशैली और सोशल मीडिया भी बढ़ा रहा मानसिक परेशानी। ईएसआई हॉस्पिटल के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश जैन ने बताया कि आजकल सोशल मीडिया और डिजिटल युग के साथ ही आधुनिक जीवनशैली भी मानसिक स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा रही है। युवा वर्ग इसकी जद में आकर तनाव ग्रस्त है।

सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स नहीं बढ़ना, लाइक्स नहीं मिलना या कम मिलना, निजी फोटोज का सोशल मीडिया पर गलत इस्तेमाल हो जाना या होने का डर भी तनाव बढ़ा रहा है। आधुनिक जीवन शैली और सोशल मीडिया के कारण एकाकीपन बढ़ रहा है। इससे मानसिक समस्या बढ़ रही है।

कैसे रहे मानसिक रूप से स्वस्थ: नियमित दिनचर्या जैसे उचित नींद एवं भोजन का अनुसरण, क्सर्साइज, योगा इत्यादि, पारस्परिक संवाद, स्वस्थ जीवन शैली, अवास्तविक अपेक्षाओं से बचकर, मेलजोल बढ़ाकर, भावनाओं को साझा कर, सोशल मीडिया से दूरी बनाकर, आउटडोर गेम खेलकर, मादक द्रव्यों और शराब से बचकर, तुलना करना बंद कर जैसे उपाय अपनाने से हम मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं। ऐसा करने से हम तनाव से दूर आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहते हैं, जो आपके निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।

Share This Article