अजमेर। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मिलने वाले पोषाहार (मिड डे मील) में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। अजमेर शहर सहित आसपास के स्कूलों में पोषाहार का वितरण करने वाली अक्षयपात्र फाउंडेशन द्वारा सोमवार को स्कूलों में आलू-छोले, दाल व रोटी का भोजन वितरित किए जाने दावा किया जा रहा है, वहीं शहर के अधिकांश स्कूलों में प्रिंसिपल से जब ‘नवज्योति’ ने जानकारी जुटाई तो सामने आया कि सोमवार को अधिकतर स्कूलों में दाल व रोटी का ही वितरण हुआ है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
मामले की जानकारी मिलने के बाद अधिकारी हमेशा की तरह जांच कराने की बात कहकर खुद को जिम्मेदारी से बचते नजर आए। राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में गिरते नामांकन बढ़ाने तथा विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार दिए जाने के लिए 1 जुलाई से नियमों में बदलाव किया। जिसके तहत 1 जुलाई से सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल के तहत बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में दाल व सब्जी दोनों दिए जाने के निर्देश जारी थे। इससे पूर्व बच्चों को एक ही दाल या सब्जी खाने में दिए जाते थे।
लेकिन अक्षयपात्र फाउंडेशन ने सोमवार को कागजों में तो स्कूलों में तो दाल व सब्जी दोनों भेजा, लेकिन हकीकत इससे विपरीत है। शहर के अधिकांश स्कूलों में या तो दाल पहुंची या आलू- छोले की सब्जी। किन स्कूलों में क्या-क्या पहुंचा ? नवज्योति ने शहर के कई स्कूलों में जाकर स्थिति को देखा तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नवीन गुलाबबाड़ी के प्रिंसिपल अनिल चित्तौड़िया ने बताया कि उनके स्कूल में पोषाहार में दाल-रोटी पहुंची।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तोपदड़ा के पोषाहार प्रभारी सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि उनके यहां पोषाहार में आलू-छोले की सब्जी व रोटी पहुंची। इसी प्रकार आदर्शनगर बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में दाल-रोटी, राउमावि रामगंज में दाल-रोटी, राउमावि लोहाखान में दाल-रोटी, राउमावि क्रिश्चियनगंज में दाल-रोटी ही पहुंची। ऐसे में नियमों को ठेंगा दिखाते हुए इतनी बड़ी गड़बड़ी होना बिना मिलीभगत के संभव नहीं है। इनका कहना है : 1-निर्धारित पोषाहार स्कूलों में नहीं पहुंचाना गंभीर मामला है। मामले की जांच करवाई जाएगी। दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। गोविंद नारायण शर्मा, डीईओ प्रारंभिक।
2-अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से पोषाहार में स्कूलों को आलू-छोले, दाल व रोटी ही भेजे गए हैं। इससे ज्यादा मुझे कोई जानकारी नहीं है। शिवसिंह राठौड़, प्रभारी, अक्षयपात्र फाउंडेशन।


