जैसलमेर। जिले में पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर 58 सैकेंड का अश्लील वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राजस्थान सरकार के एक मंत्री साथ में दिखाई दे रहे हैं। दरअसल वीडियो कॉल में मंत्री जी के नंबर सेव किए हुए दिखाई दे रहे हैं, उसके बाद महिला से विडियो कॉल पर बात हो रही है जिसमें कुछ सैकेंड के लिए मंत्री जी दिखाई दे रहे हैं। यह पुरा घटनाक्रम फोन में स्क्रीन रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि विडियो में कितनी सच्चाई है यह हम पुष्टि नहीं करते हैं।
जोधपुर जिले के शेरगढ़ थाने में मामला दर्ज
जैसलमेर में पिछले दो दिनों से जो विडियो चर्चा में है, जिसका मुकदमा जोधपुर जिले के शेरगढ़ थाने में दर्ज होता है। जिसके बाद जोधपुर संभाग के कई थानों की पुलिस द्वारा मिलकर खेतोलाई गांव के युवाओं पर कारवाई की जाती है और युवाओं को गिरफ़्तार करती है।
क्यूंकि यह मामला सरकार के मंत्री का है। मामला जब बड़े लेवल के लोगों का होता है तो इस प्रकार से कारवाई की जाती है, लेकिन जब राज्य के अंदर बलात्कार, लूट, रैप की घटनाएं होती है तब पुलिस ऐसे ही कारवाई करेगी या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है। पुलिस प्रशासन से निवेदन रहेगा की जिस प्रकार से आपकी टीम द्वारा इस मुद्दे पर कारवाई की गई है उसी प्रकार से शोषित, आम, गरीब आदमी के साथ होने वाले अन्याय के समय अगर आप इस प्रकार से करवाई करते हैं तो अपराध खत्म हो सकता है।
यदि विडियो और इस कथानक के मुख्य किरदार यदि राजस्थान सरकार के मंत्री है तो उठते सवाल और निहारिका टाइम्स की भाईचारे की अपील।
- महिला बिल्कुल अनजान अनभिज्ञ हैं, वह छोटे जॉब में है मंत्री जैसा भारी भरकम दबाव डालता है तो सोचने की ताकत ख़त्म हो जाती है।
- महिला चाहें जो हों, उसकी कोई ग़लती नही है, बड़ों के आगे झुकना पड़ता है, यह सरकारी नौकरी का सामान्य ज्ञान है।
- यदि विडियो सत्य है तो सवाल है कि एक अधेड़ उम्र के किसी नेता को आधी से कम उम्र की महिला को इस तरह की हरकत करने के लिए मजबूर करने की अनुमति भारत के किस कानून ने दे दी।
- विडियो सत्य है तो हिंदूवादी विचारधारा के लोगो का यह दावा सत्य साबित होता है कि ये लोग हिन्दू बेटियो को किसी न किसी बहाने हवश शिकार बनाते हैं और फ़िर वो बदनामी के डर से इनके आगे जो कहते वो करना पड़ता है।
- यदि विडियो सत्य नहीं है तो एक पारिवारिक केस का मामला होने के बावजूद जोधपुर से पुलिस का पूरा जखीरा आता है, बडे़ आधिकारी दबीश देते हैं जबकि 5 दिन पहले ऐसा ही मुकदमा पोकरण पुलिस थाना में दर्ज़ होता है, वहां कोई गिरफ्तारी नहीं होती है परंतु इसकी पटकथा बहुत खतरनाक ढंग से लिखी गई है।
एफआईआर पर उठते सवाल?
- जिस प्रकार से महिला ने एफआईआर दर्ज़ करवाई जिसमें बताया गया कि वीडियो कॉल बच्ची ने किया था, तो बच्ची का चेहरा एक बार भी सामने दिखाई क्यों नही दिया ?
- एफआईआर में महिला ने बताया कि अनजान नम्बर से फ़ोन आया था लेकिन वीडियो कॉल मे नम्बर सेव किए हुए दिखाई दे रहे हैं?
- एफआईआर में महिला ने बताया कि एक डेढ़ साल पुराना वीडियो है अगर इतना पुराना वीडियो है तो हटाया क्यूं नहीं?
- जब वीडियो पुराना है तो एफआईआर इतनी देरी से क्यूं?
- एफआईआर में महिला द्वारा बताया गया कि मै खेतोलाई की रहने वाली हूं फिर एफआईआर जोधपुर जिले के शेरगढ़ थाने में क्यूं?
- अगर मंत्री जी उस महिला को जानते नहीं थे तो फ़ोन कट कर देते इतनी लम्बी बात करने की कहां जरुरत थी?
- महिला के फोन मे विडिओ कॉल की स्क्रीन रिकार्ड किसने की?
निहारिका टाइम्स पर दिन भर आते रहे फ़ोन।
निहारिका टाइम्स के जुड़े पत्रकारों ने बताया कि दिनभर कई नेताओं और जागरूक नागरिकों के फोन आते रहे वे एक ही अपील करे थे कि आप दूसरों की तरह बिकना मत। पत्रकारिता एक पवित्र सेवा कार्य है, इसकी सफलता जनता की सच्चाई है। किसी के खिलाफ़ लिखने से या साथ लिखने से हम नेताओ के लिए कोई फ़ायदा या नुकसान नहीं कर सकते। परिणाम जनता देती है। इसलिए सभी पाठको को किसी घटना को लेकर मीडिया को ट्रोल नही करना चाहिए। सत्य और असत्य का फर्क समझकर बुराई का विरोध होना चाहिए।
जिस तरह सोशल मीडिया पर मंत्री ने छोटे मोटे कार्यकर्ता को उतारा है, उस से लग रहा है मीडिया पर भी कितना दबाव है।
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