तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कांग्रेस के साथ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के मजबूत रिश्तों को दोहराते हुए राहुल गांधी को अपना भाई बताया। उन्होंने कहा कि उनकी दोस्ती न केवल राजनीतिक है, बल्कि वैचारिक भी है, जो राष्ट्र के कल्याण को व्यक्तिगत हितों से ऊपर रखती है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्टालिन ने कहा, “राहुल गांधी का मेरे प्रति दिखाया गया प्रेम मैं व्यक्त नहीं कर सकता।
मैं किसी राजनीतिक नेता को भाई नहीं कहता, लेकिन राहुल गांधी को मैं भाई कहता हूँ, क्योंकि वे मुझे अपने बड़े भाई के रूप में देखते हैं।” स्टालिन ने जोर देकर कहा कि उनकी और राहुल गांधी की दोस्ती राजनीति से परे है। उन्होंने कहा, “यह केवल राजनीतिक लगाव नहीं, बल्कि वैचारिक भी है। मैं सभी के साथ ऐसा ही भावनात्मक रिश्ता चाहता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि डीएमके और कांग्रेस के बीच वैचारिक समझ और रिश्ता निश्चित रूप से देश की रक्षा करेगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु में कांग्रेस और अभिनेता-राजनेता विजय की नई पार्टी तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) के बीच नजदीकी की अटकलें चल रही हैं। डीएमके-कांग्रेस गठबंधन की मजबूती इन अटकलों के बीच, स्टालिन का बयान डीएमके-कांग्रेस गठबंधन की मजबूती को रेखांकित करता है। हाल ही में उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में टिप्पणी की थी कि हाथ हमें कभी नहीं छोड़ेगा, जो कांग्रेस के प्रतीक का जिक्र था। यह बयान तमिलनाडु की राजनीतिक गतिशीलता में गठबंधन की अहमियत को दर्शाता है।
राजनीति में बदलते समीकरण इस बीच, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने हाल ही में कहा था कि विजय तमिलनाडु में विपक्षी इंडी गठबंधन के लिए मुख्य चुनौती के रूप में उभर रहे हैं। 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले ये घटनाक्रम तमिलनाडु की राजनीति में बदलते समीकरणों की ओर इशारा करते हैं।


