प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहानिसबर्ग में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय विचार-विमर्श में भाग लेते हुए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही भारत-इटली के मजबूत संबंधों में प्रगाढ़ता पर संतोष जाहिर किया। मुलाकात में दोनों ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा के साथ भी मुलाकात करते नजर आए। मुलाकात के दौरान मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को गले लगाया।
राष्ट्रपति लूला मोदी की पीठ थपथपाते नजर आए। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन के पहले दिन कई देशों के प्रमुखों के साथ बातचीत करते दिखे। अफ्रीका की धरती पर आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास के पैमानों को नए सिरे से सोचने की जरूरत पर जोर दिया।
‘सबको साथ लेकर समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जी20 ने भले ही दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को दिशा दी हो, लेकिन मौजूदा विकास मॉडल ने बड़ी आबादी को संसाधनों से दूर रखा है और प्रकृति के अत्यधिक दोहन को बढ़ावा दिया है, जिसका असर अफ्रीकी देशों में सबसे ज्यादा महसूस होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में वैश्विक विकास के पैमानों पर पुनर्विचार की जरूरत बताते हुए कहा कि दुनिया को ऐसा मॉडल अपनाना होगा जिसमें व्यक्ति, समाज और प्रकृति को एक साथ ध्यान में रखा जाए। प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जी20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने वैश्विक स्तर पर बढ़ रही ड्रग तस्करी, विशेषकर फेंटानाइल जैसे अत्यंत खतरनाक पदार्थों के प्रसार पर गहरी चिंता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में कुशल प्रवासन, पर्यटन, खाद्य सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवाचार, और महिला सशक्तीकरण जैसे विषयों पर प्रभावी कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन में शुरू किए गए कई ऐतिहासिक कदमों को इस बार आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
मोदी ने कहा कि अब तक जिन विकास पैमानों पर काम हुआ है, उनके चलते बड़ी आबादी संसाधनों से दूर रह गई और प्रकृति का अत्यधिक दोहन बढ़ा है, जिसका सबसे अधिक प्रभाव अफ्रीका ने झेला है। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यतागत सोच समग्र मानववाद दुनिया को संतुलित विकास का रास्ता दिखा सकती है। प्रधानमंत्री ने जी-20 के तहत वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार बनाने का प्रस्ताव रखा और कहा कि भारत की भारतीय ज्ञान प्रणाली इस वैश्विक मंच की आधारशिला बन सकती है। इससे विश्वभर की परंपरागत और प्रकृति-संतुलित जीवनशैली का ज्ञान आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सकेगा।
अफ्रीका के विकास को वैश्विक हित बताते हुए प्रधानमंत्री ने जी-20 अफ्रीका कौशल संवर्धक पहल पेश की। इसके तहत प्रशिक्षक तैयार करने वाले प्रशिक्षक मॉडल पर काम करते हुए अगले 10 वर्षों में 10 लाख प्रमाणित प्रशिक्षक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। ये प्रशिक्षक आगे चलकर करोड़ों युवाओं को कौशल प्रदान करेंगे।


