नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष से जुड़े संस्कृति मंत्रालय के कार्यक्रम में संघ की संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ की प्राथमिकता हमेशा देश की प्राथमिकता रही है। संघ अपनी यात्रा के दौरान हमेशा समय से जुड़ी समस्या से जूझा है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को यहां के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्र के प्रति संघ के योगदान को दर्शाने वाला एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया। कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, संघ की समाज के साथ एकात्मता और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति आस्था ने स्वयंसेवकों को हर संकट में स्थितप्रज्ञ रखा है और समाज के प्रति संवेदनशील बनाए रखा है।
उन्होंने कहा कि विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना महज संयोग नहीं बल्कि राष्ट्र चेतना का पुनरुत्थान था। इस युग में संघ चिरकाल से चली आ रही राष्ट्र चेतना का पुनरावतार है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हजारों वर्षों से चली आ रही उस परंपरा की पुनर्स्थापना है जिसमें राष्ट्र चेतना समय-समय पर युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए-नए अवतारों में प्रकट होती है।
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दूसरे देशों पर निर्भरता, जनसांख्यिकी बदलाव और समाज को तोड़ने की कोशिशों को वर्तमान काल की प्रमुख चुनौतियां बताया और कहा कि सरकार इनसे निपटने के लिए काम कर रही है। संघ ने भी इस दिशा में एक ठोस रोडमैप तैयार किया है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने संघ की ओर से दिए गए पंच परिवर्तन की बात दोहराई और कहा कि उनकी सरकार भी इसी दिशा में काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ के पांच परिवर्तन स्वबोध, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक शिष्टाचार और पर्यावरण हैं।
यह संकल्प हर स्वयंसेवक के लिए देश के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को स्वीकार करने की बहुत बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि संघ को मुख्यधारा में आने से रोकने के कई प्रयास हुए और यहां तक की दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर को जेल तक भेजा गया लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने कभी रोष प्रगट नहीं किया। संघ का स्वयंसेवक हमेशा कष्ट उठाकर सेवा कार्य करता रहा है। मोदी ने संघ की तुलना नदी से की और कहा कि इसका हमेशा एक प्रबल राष्ट्र प्रवाह रहा है।
संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत सरकार को विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का काम देश और समाज के लिए कार्य करने वालों को सम्मान देना है। सरकार्यवाह ने कहा कि समाज की सक्रियता और पुरुषार्थ को जागृत करना ही संघ का जीवन व्रत रहा है। संघ प्रतिक्रिया में बना हुआ संगठन नहीं है। हमारा उद्देश्य राष्ट्र के लिए काम करना और विश्व के कल्याण में योगदान देना रहा है। व्यक्ति को समाज से जोड़ना हमारा कार्य है।
इस बारे में हमें किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है और संघ की कोई अपेक्षा भी नहीं है।


