मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज 18 नवबंर मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक संपन्न हुई, जिसमें किसानों को भी सौगात मिली है।
बैठक में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सिंचाई के लिए सोलर पम्प स्थापना की योजना में संशोधन, क्रियान्वित सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड योजना में संशोधन, नव गठित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आगर-मालवा के लिए नवीन पदों के सृजन, मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को पुनरीक्षित (सातवें) वेतनमान का वास्तविक लाभ, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् में भर्ती के लिए सेवा शर्तें एवं नियम अनुमोदित और आयुष चिकित्सालयों में 373 नवीन पदों की स्वीकृति प्रदान की गई। प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सिंचाई के लिए सोलर पम्प स्थापना की योजना में संशोधन की स्वीकृति दी गई है।
संशोधन के अनुसार कृषकों को स्वीकृत सोलर पम्प स्थापना क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प दिया जाएगा। अब 3 एच.पी. के अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारियों को 5 एच.पी. और 5 एच.पी. के अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारियों को 7.5 एच.पी. का सोलर पंप प्रदाय करने का विकल्प दिया जाएगा। योजना के पहले चरण में अस्थायी विद्युत कनेक्शन संयोजन वाले किसानों को सोलर पम्प का लाभ दिया जाएगा। योजना अनुसार 7.5 एचपी क्षमता तक का सोलर पम्प लगाने के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारी कृषक का अंश 10% रहेगा। शासन द्वारा 90% की सब्सिडी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को प्रदेश में “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” नाम से 24 जनवरी 2025 से लागू किया गया है। इस निर्णय से सोलर पंप की स्थापना से विद्युत पंपों को विद्युत प्रदाय के लिए राज्य सरकार पर अनुदान के भार को सीमित किया जा सकेगा। मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना संचालित करने की स्वीकृति दी गई है। योजना के तहत पात्र बच्चे को 4 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इसके साथ ही 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। योजना के तहत विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त माता के बच्चे, अनाथ एवं विस्तारित परिवार के साथ निवासरत बच्चे, असाध्य बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे लाभान्वित होंगे। मिशन वात्सल्य योजना के लिए कुल 1,022 करोड़ 40 लाख रुपये का व्यय होगा। आयुष चिकित्सालयों में 373 नवीन पदों की स्वीकृति दी गई है।
प्रदेश के 12 जिलों में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों के संचालन के लिए 373 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत नवीन पदों में प्रथम श्रेणी के 52, द्वितीय श्रेणी के 91 और तृतीय श्रेणी के 230 पद शामिल हैं। नियमित पदों पर वार्षिक वित्तीय भार 25 करोड़ 57 लाख रुपये आएगा। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् में भर्ती के लिए सेवा शर्तें एवं नियम अनुमोदित किए गए हैं। मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को पुनरीक्षित (सातवें) वेतनमान का वास्तविक लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है।
प्रदेश में क्रियान्वित सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड योजना में संशोधन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। नवगठित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगर-मालवा के लिए कुल 9 नवीन पदों का सृजन किए जाने की स्वीकृति दी गई है। मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे मातरम गायन के साथ शुरू हुई।


