अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने सोमवार को बठिंडा की अदालत में पेश होकर 2021 के अपने विवादित ट्वीट के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनके ट्वीट से ‘गलतफहमी’ पैदा हुई है और हर ‘माता’ उनके लिए सम्माननीय है, चाहे वह पंजाब से हों या हिमाचल से। यह मामला 2020-21 के किसान विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें कंगना ने एक मीम पोस्ट किया था। उस पोस्ट में मोहिंदर कौर की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि कुछ लोग पैसे लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
कंगना ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की और मीम में कई महिलाएं शामिल थीं। मोहिंदर कौर के वकील रघुवीर सिंह बेनीवाल ने कंगना की माफी को सिरे से खारिज कर दिया है। बेनीवाल, जो लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं, ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “कंगना के राजनीति में आने से पहले से ही मैं भाजपा से जुड़ा हूं।
कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि क्या मैं मोहिंदर कौर का पक्ष ठीक से रखूंगा, लेकिन उन्होंने मुझ पर भरोसा किया।” उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि कंगना की टिप्पणियों ने पंजाब की माताओं को जितना दर्द दिया है, उतना ही उन्हें भी हुआ है। बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि परिवार किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा और केस को अंत तक लड़ा जाएगा। शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आई इस मामले की जड़ें जनवरी 2021 की हैं, जब मोहिंदर कौर ने बठिंडा कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना ने उन्हें गलत तरीके से शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आई कार्यकर्ता बिलकिस बानो के रूप में पहचान कर बदनाम किया। कंगना ने बाद में कौर के पति को संदेश भेजकर गलतफहमी दूर करने की कोशिश की, लेकिन वकील ने इसे अपर्याप्त बताया। बेनीवाल ने कहा, “हम कोई भी माफी स्वीकार नहीं करेंगे। यह केस लड़ा जाएगा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कौर का परिवार किसान पृष्ठभूमि का है और कोर्ट की पेशी के लिए आना उनके लिए कठिन होता है, फिर भी वे हर बार हाजिर होते हैं।
माफी हमेशा घाव भरने में पर्याप्त नहीं होती। कंगना ने माफी के दौरान कहा कि यदि मामले को गहराई से देखा जाए तो उनकी ओर से कोई जानबूझकर या अनजाने में गलती नहीं हुई। उन्होंने जोर दिया कि यह केवल एक रीट्वीट था, जो मीम के रूप में इस्तेमाल हुआ। हालांकि, मोहिंदर कौर ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत विवाद को उजागर करती है, बल्कि सोशल मीडिया पर टिप्पणियों के कानूनी परिणामों पर भी बहस छेड़ती है।
परिवार का दृढ़ रुख दिखाता है कि माफी हमेशा घाव भरने में पर्याप्त नहीं होती।


