जयपुर में मानसून के कमजोर होने के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। बारिश के बाद जगह-जगह जमा पानी और बढ़ता तापमान मच्छरों के लिए अनुकूल स्थिति पैदा कर रहा है। इसके कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फोगिंग न होने से भी स्थिति बिगड़ रही है। मौसम में कभी ठंडक और कभी गर्मी के कारण सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार के मरीज हर घर में मिल रहे हैं। शहर के प्रमुख अस्पतालों जैसे एसएमएस, गणगौरी, कांवटिया, आरयूएचएस और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
चिकित्सकों का कहना है कि मच्छरों से बचाव और सर्द-गर्म से बचना जरूरी है। स्क्रब टायफस की स्थिति चिंताजनक है। एसएमएस अस्पताल में सबसे ज्यादा स्क्रब टायफस के मरीज आ रहे हैं। अगस्त में 240 से अधिक मरीज भर्ती हुए, जिनमें 4 की मौत हो चुकी है। यह बीमारी बारिश के बाद ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैलती है। अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार, एसएमएस अस्पताल में डेंगू के 33 मरीज भर्ती हुए, चिकनगुनिया के 18 मरीज आए, जबकि मलेरिया का कोई केस सामने नहीं आया। इस साल अब तक डेंगू से केवल एक मरीज की मौत हुई है।
प्रमुख बीमारियों के केस इस प्रकार हैं: स्क्रब टायफस 240 मरीज, 4 मौतें; डेंगू 33 मरीज, 0 मौतें; चिकनगुनिया 18 मरीज, 0 मौतें; मलेरिया 0 मरीज, 0 मौतें। बचाव के लिए घर या आसपास पानी जमा न होने दें, फोगिंग कराएं, मच्छरदानी, कॉइल और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। बुखार या लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। एसएमएस अस्पताल में बारिश थमने के बाद मरीजों के लिए अलग ओपीडी शुरू की जाएगी ताकि इलाज में आसानी हो।