अधिवक्ताओं को रिसर्च पर ध्यान देने की आवश्यकता: माहेश्वरी

Tina Chouhan

जयपुर। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जेके माहेश्वरी ने कहा कि अधिवक्ता को अपनी रिसर्च पर ध्यान देना चाहिए। विभिन्न प्रकार के केस पढ़ने, उनकी शैली को समझने और उनसे संबंधित विषय पर चर्चा करने से नए आयाम उजागर होते हैं। शोध से अधिवक्ता अपने कार्य पर मजबूती और पकड़ बना सकता है। माहेश्वरी आरयू के पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय की ओर से आयोजित 13वीं रांका मूट कोर्ट प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को मानविकी पीठ में सम्बोधित कर रहे थे।

अच्छे अधिवक्ता के गुण बताए उन्होंने कहा कि एक अच्छे अधिवक्ता होने के लिए क्या गुण होने चाहिए, उन चीजों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें किसी भी केस में विपक्षी दल क्या दलील प्रस्तुत कर रहा है? किन प्रश्नों पर उसकी दलील टिकी हुई है। युवा अधिवक्ताओं को सभी प्रश्नों का समूचा विश्लेषण करना और प्रत्येक प्रश्न का सटीक उत्तर देना अच्छे अधिवक्ता का गुण है। भारत का संविधान विश्व में सबसे सफल है। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ.

पुष्पेंद्र भाटी ने भारतीय संविधान के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए संविधान के प्रारूप के बारे में समझाते हुए बताया कि भारतीय संविधान ही पूरे विश्व में एक ऐसा संविधान है जो न की कागजी तौर पर कामयाब है बल्कि जमीनी स्तर पर भी यह बहुत सफल संविधान है। गौरतलब है कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता आपराधिक कानून से संबंधित समकालीन विधिक मुद्दों पर केंद्रित है। महाविद्यालय की निदेशक डॉ. अंकिता यादव ने अतिथियों का स्वागत किया।

प्रतियोगिता में 17 राज्यों से 70 दल भाग ले रहे हैं, जिनमें पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्य शामिल हैं।

Share This Article