मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर ऐतिहासिक घटनाएं और विवाद

नई दिल्ली। 1 नवंबर 2025 को मध्य प्रदेश, जिसे ‘भारत का दिल’ कहा जाता है, अपने स्थापना दिवस के 70 साल पूरे कर रहा है। इन वर्षों में प्रदेश ने कई ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव देखे हैं। इंदौर लगातार 8 वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना रहा है, वहीं भोपाल गैस त्रासदी जैसी दर्दनाक घटनाएं भी हुई हैं। वर्तमान में जो मध्य प्रदेश का नक्शा है, वह हमेशा से ऐसा नहीं था। 1956 से पहले यह क्षेत्र चार प्रमुख हिस्सों में बंटा हुआ था। चार राज्यों के विलय के बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन हुआ।

इसे बनाने के लिए चार तत्कालीन राज्यों का विलय किया गया: मध्य प्रांत, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य। राजधानी चुनने में ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और भोपाल के नाम सामने आए। नागपुर के महाराष्ट्र में जाने के बाद भोपाल को चुना गया, जिसके पीछे कई कारण थे। भोपाल की भौगोलिक स्थिति राज्य के केंद्र में थी और यहां कई सरकारी इमारतें पहले से मौजूद थीं। हालांकि, इस निर्णय से जबलपुर में भारी नाराजगी देखने को मिली और वहां के लोगों ने उस वर्ष दिवाली नहीं मनाई।

2-3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कारखाने से गैस रिसाव की घटना हुई, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक है। 2000 में मध्य प्रदेश का पुनर्गठन हुआ और छत्तीसगढ़ नाम का नया राज्य बनाया गया। राज्य के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल थे।

Share This Article
Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
Exit mobile version