मध्य प्रदेश में शिक्षकों के लिए ई अटेंडेंस की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर आज एक बार फिर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने शपथपत्र पर अपना जवाब पेश किया, जबकि राज्य शासन ने अपना जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय मांगा। कोर्ट ने शासन को एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है और जो शिक्षक ई अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं, उनके वेतन आहरण में परेशानी आ रही है।
शिक्षक इस नियम को व्यावहारिक नहीं मानते और उनका कहना है कि तकनीकी दिक्कतों और निजी डाटा सुरक्षा के चलते इसे बंद किया जाना चाहिए। निजी डाटा लीक होने की चिंता जताते हुए 27 शिक्षकों ने एक याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दाखिल की है, जिस पर सुनवाई चल रही है। आज एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई के निर्देशों के चलते याचिकाकर्ता शिक्षकों ने शपथ पत्र पर अपना जवाब पेश किया, जिसमें उन्होंने ई अटेंडेंस एप से निजी डेटा लीक होने की चिंता जताई। अगली सुनवाई 24 नवम्बर को होगी।
शिक्षकों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा, जिस पर सरकार की तरफ से पेश वकील ने जवाब के लिए कोर्ट से समय मांगा। हाई कोर्ट ने सरकार को 1 हफ्ते में जवाब पेश करने का आदेश दिया।


