उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण मध्य प्रदेश का मौसम बदल गया है। तापमान में गिरावट के चलते ठंड बढ़ने लगी है और कई स्थानों पर शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। रविवार और सोमवार को एक दर्जन जिलों में शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है। इसका प्रभाव मध्य और मालवा क्षेत्र में अधिक देखने को मिला है। इस बार अक्टूबर में भी बारिश औसत से 121% अधिक रिकॉर्ड की गई।
मध्य प्रदेश मौसम विभाग के अनुसार, एक चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वी मध्य और उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किमी ऊपर बना हुआ है। एक अन्य चक्रवातीय परिसंचरण उत्तरी हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर स्थित है। अगले 2 दिन शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है। यदि रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम हो, तो इसे तीव्र शीत माना जाता है।
यदि तापमान सामान्य से छह डिग्री या उससे अधिक कम हो, तो इसे तीव्र शीतलहर माना जाता है। 9 नवंबर को भोपाल, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, देवास, सीहोर, शाजापुर, सतना और रीवा में शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना है। 10 नवंबर को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, देवास, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सतना और रीवा के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को प्रदेश में दिन का सबसे अधिक तापमान नर्मदापुरम में 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रात का सबसे कम तापमान राजगढ़ में 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
भोपाल, राजगढ़, इंदौर, शाजापुर में तीव्र शीतलहर और सीहोर, रीवा में शीतलहर का प्रभाव रहा। राजगढ़ देश के मैदानी क्षेत्रों में सबसे ठंडे शहरों में दूसरे स्थान पर और इंदौर चौथे स्थान पर रहा। अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा।

