मध्य प्रदेश में पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई है। पिछले एक हफ्ते से तापमान में गिरावट जारी है, जिससे शीतलहर का कहर देखने को मिल रहा है। भोपाल, राजगढ़ और इंदौर में पारा रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया है। आमतौर पर ऐसी स्थिति दिसंबर में होती है, लेकिन इस बार नवंबर में ही प्रदेश सर्द हवाओं की चपेट में आ गया है। अगले 24-48 घंटों में मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा। आज मंगलवार को 2 दर्जन जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।
22 नवंबर से दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया सक्रिय होगा। मध्य प्रदेश मौसम विभाग के अनुसार, मध्य भारत के निचले और मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों में प्रबल उत्तर-पश्चिमी पवनें प्रवाहित हो रही हैं। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के पास बने निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है। 22 नवंबर 2025 के आसपास बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद, इसके पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढ़ने और अगले 48 घंटों में अधिक सक्रिय होने की संभावना है।
फिलहाल मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा और इसी तरह की स्थिति बनी रहेगी। लेकिन इसके बाद नम हवाएं सक्रिय होंगी, जिससे ठंड में कुछ कमी आने की संभावना है। आज इंदौर, भोपाल और राजगढ़ में तीव्र शीतलहर का अलर्ट है। शाजापुर, देवास, सीहोर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, हरदा, बैतूल, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, जबलपुर, दमोह, सागर, विदिशा और रायसेन में भी शीतलहर का प्रभाव है। बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए भोपाल और इंदौर के स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है।
इंदौर में नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे और भोपाल में सुबह 8:30 बजे से लगाई जाएंगी। इससे पहले खंडवा, सतना, उमरिया, छिंदवाड़ा, सागर, शहडोल, झाबुआ, रीवा, देवास, ग्वालियर, अनूपपुर और मंडला के स्कूलों के समय में बदलाव किया गया था। रविवार-सोमवार की रात भोपाल में तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1938 के बाद का सबसे कम तापमान है। इंदौर में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस, राजगढ़ में 5 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 9.6 डिग्री और जबलपुर में 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।


