एमएसएमई: आत्मनिर्भर भारत की नींव और विकास का आधार

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को 11वें भारत अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई कार्यक्रम और एक्सपो 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की आत्मनिर्भरता और 2047 तक विकसित भारत की दिशा में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। अनुराग ठाकुर ने भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो शहरी और ग्रामीण विकास को संतुलित करते हुए नौकरी चाहने वालों को नौकरी देने वालों में बदलते हैं।

एमएसएमई अब व्यवसाय नहीं, आत्मनिर्भर भारत का डीएनए है और विकसित भारत लक्ष्य हासिल करने में एमएसएमई की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। वित्त वर्ष 2024 में भारत के निर्यात में एमएसएमई का योगदान 45.73 प्रतिशत रहा और वित्त वर्ष 2027 तक जीडीपी में उनकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगी। जून 2025 तक उद्यम पोर्टल पर 6.44 करोड़ इकाइयां पंजीकृत होंगी और 26.77 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।

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