जयपुर। राज्य सरकार ने नगर निकाय प्रशासनिक एवं तकनीकी सेवा के नियमित संवर्ग अधिकारियों की वेतनभोगी स्वीकृति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए इसे सरल और त्वरित बनाने का आदेश जारी किया है। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब यह अधिकार जिला कलेक्टर स्तर तक सीमित रहेगा। नवीन आदेश के तहत कार्यपालक अधिकारी, सहायक नगर नियोजक, सहायक लेखाधिकारी-प्रथम/द्वितीय सहित अन्य पदों पर कार्यरत अधिकारियों की वेतन स्वीकृति संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी। इसके लिए प्रशासनिक विभाग की ओर से अलग से अनुमोदन लेना आवश्यक नहीं होगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि वेतन स्वीकृति के समय सभी सेवा संबंधी अभिलेखों, ऑनलाइन प्रविष्टियों और संपूर्ण विवरण की गहन जांच की जाए।
यदि किसी अधिकारी की सेवा में कोई प्रकरण लंबित पाया जाता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस अधिकारी पर होगी जिसने स्वीकृति प्रदान की है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि यह पूरी प्रक्रिया समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरी हो, ताकि अधिकारियों को अनावश्यक देरी से राहत मिले। आदेश की प्रतियां सभी जिला कलेक्टरों, क्षेत्रीय उप निदेशकों और संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई हैं। गौरतलब है कि पूर्व व्यवस्था में उच्च स्तर से अनुमोदन लेने की बाध्यता के कारण अधिकारियों को वेतन स्वीकृति में काफी विलंब और परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नए आदेश से न केवल प्रक्रिया तेज होगी बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।