जयपुर। एक व्यक्ति द्वारा एक बार में दिया गया एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जिंदगी बचा सकता है। कोई भी व्यक्ति एक बार में एक यूनिट यानि करीब 450 मिलीग्राम रक्तदान करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति साल में छह बार तक रक्तदान कर सकता है। एक यूनिट रक्तदान आपके शरीर की कुल रक्त आपूर्ति का एक छोटा सा हिस्सा होता है क्योंकि आमतौर पर एक व्यक्ति के शरीर में लगभग 10 से 12 यूनिट रक्त होता है और दान किए गए एक यूनिट रक्त को स्वस्थ शरीर लगभग चार से छह हफ्तों में फिर से बना लेता है।
यह भी सत्य है कि रक्त दान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती। रक्त के चार अलग-अलग घटकों का उपयोग व्यक्ति की जिंदगी बचाने के लिए किया जाता है। इसमें लाल रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसिपिटेटेड एंटीहेमोफिलिक फैक्टर यानी एएचएफ जो कि मरीज की स्थिति के अनुसार अलग-अलग प्रयोग किए जा सकते हैं। 18 से 65 वर्ष का वह व्यक्ति जिसका न्यूनतम वजन 45 किलोग्राम है, कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं है, रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान में प्रदेश की स्थिति के अनुसार पिछले एक साल में प्रदेश में कुल लगभग 7 लाख 95 हजार 990 रक्त यूनिट रक्तदान से प्राप्त हुई है। इसमें स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत 65.83 प्रतिशत रहा। इसका 25.40 फीसदी सरकारी ब्लड बैंकों में और 74.59 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान निजी ब्लड बैंकों में हुआ। इसी प्रकार जयपुर में कुल 2 लाख 37 हजार यूनिट रक्तदान हुआ। इसमें से 13.43 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र की ब्लड बैंकों में और 86.56 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान निजी ब्लड बैंकों में हुआ है।
ब्लड बैंकों के द्वारा प्रदेश में वर्ष 2024-25 के दौरान 6583 रक्तदान शिविर आयोजित किए गए जिसमें 6,92,092 यूनिट रक्तदान किया गया है एवं 9,90,574 यूनिट मरीजों को दी गई है। रक्तदान के फायदे रक्तदान करने से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है क्योंकि यह रक्त में आयरन की अधिक मात्रा को कम करता है, जिससे रक्त का गाढ़ापन कम होता है और ह्दय रोग, दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। रक्तदान करने से लिपिड प्रोफाइल में सुधार हो सकता है।
रक्तदान ट्राइग्लिसराइड्स को साफ करने में मदद करता है, इससे भी हृदय संबंधी जोखिमों में कमी आती है। यह शरीर को नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करता है और रक्त के संचार को बढ़ावा देता है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान केन्द्रों पर जाकर रक्तदान करना चाहिए और दूसरों को भी इस पुण्य कार्य के लिए प्रेरित करना चाहिए। राजस्थान प्रदेश जो कि अभी भी स्वैच्छिक रक्तदान के राष्ट्रीय मानकों से काफी दूर है, ऐसे में रक्तदाताओं को इस संबंध में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। -डॉ. एसएस अग्रवाल, मैनेजिंग ट्रस्टी, स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक।