जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की स्थिति अब और कठिन होती जा रही है क्योंकि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 11 नवंबर को राज्य की बडगाम और नगरोटा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इससे पहले, पार्टी के सांसदों का विरोध उमर अब्दुल्ला के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रुहुल्लाह मेहदी और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीच संबंध ठीक नहीं हैं। सांसद मियां अल्ताफ भी नाराज नजर आ रहे हैं। सांसद रुहुल्लाह ने हाल ही में पार्टी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
उन्होंने सार्वजनिक रूप से उमर अब्दुल्ला की आलोचना करते हुए उन पर आरोप लगाया है कि वे उन लोगों का मजाक उड़ा रहे हैं, जिन्होंने उन्हें वोट दिया था। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान किए गए वादे पूरे नहीं हो रहे हैं। आगा रुहुल्लाह मेहदी ने बडगाम में उपचुनाव में पार्टी के नेता का प्रचार करने से भी मना कर दिया है। अनंतनाग से सांसद मियां अल्ताफ ने भी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने मौजूदा सरकार की भर्ती प्रक्रिया में विफलता के लिए आलोचना की और कहा कि कई शिक्षित युवा बेबस महसूस कर रहे हैं। रुहुल्लाह ने मुख्यमंत्री पर छात्रों की मांगों को अहंकारपूर्ण तरीके से लेने का आरोप लगाया है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब उमर अब्दुल्ला ने आरक्षण के खिलाफ बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह लोगों के दबाव में नहीं झुकेंगे। हाल के दिनों में इन सांसदों ने लगातार उमर सरकार की आलोचना की है।
उमर अब्दुल्ला ने सांसदों के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके बीच बहुत बड़ा अंतर है और पार्टी के पास चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त नेता हैं। उन्होंने मियां अल्ताफ के बयान पर कहा कि वह एक पिता समान व्यक्ति हैं और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा।


