छत्तीसगढ़ में माओवादी खतरा कम, पीएम मोदी का बयान

vikram singh Bhati

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ माओवादी आतंक के प्रभाव से धीरे-धीरे मुक्त हो रहा है और राज्य तथा देश अब इस खतरे से पूरी तरह मुक्ति की दहलीज पर हैं। नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव को संबोधित करते हुए पीएम ने दशकों से नक्सल हिंसा की छाया में जी रहे लोगों की पीड़ा को याद किया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश के करीब 125 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे, लेकिन आज केवल तीन जिले ही बचे हैं। भारत को माओवादी आतंक से मुक्त करने का दिन दूर नहीं।

सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है। गृह मंत्रालय के अनुसार, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या इस साल अप्रैल में 18 से घटकर अब 11 रह गई है, जिनमें सबसे अधिक प्रभावित तीन जिले – बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर – छत्तीसगढ़ में हैं। सामूहिक आत्मसमर्पणों की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि 17 अक्टूबर को बस्तर में 200 से अधिक माओवादियों ने हथियार डाले और कांकेर में हाल ही में 20 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया।

कई बड़े माओवादी भी भारतीय संविधान स्वीकार कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले माओवादी इलाकों में अब विकास की नई कहानी लिखी जा रही है – बीजापुर के चिलकापल्ली गांव में 70 साल बाद बिजली पहुंची, अबुझमाड़ के रेकावया में स्कूल बन रहा है, जबकि पूर्व माओवादी गढ़ पुवर्ती में अब तिरंगा फहराता है और बस्तर पांडुम व ओलंपिक जैसे सांस्कृतिक आयोजन हो रहे हैं।

आदिवासी इलाकों को सड़क और स्कूल देने की बात करते हुए उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा कि संविधान व सामाजिक न्याय के नाम पर आंसू बहाने वाले दलों ने दशकों तक आदिवासी इलाकों को सड़क, स्कूल, अस्पताल से वंचित रखा और खुद सत्ता सुख भोगा। इस अवसर पर पीएम ने सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य व ऊर्जा क्षेत्र में 14,260 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण भी किया। युवाओं से कहा, “यह तुम्हारा समय है, सरकार हर कदम पर साथ है।”

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal