एनडीएमए ने जोशीमठ पर जानकारी साझा करने पर रोक लगाई, कहा- यह भ्रम पैदा कर रहा

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 14 जनवरी ()। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सरकारी अधिकारियों और वैज्ञानिक विभागों को एक पत्र जारी कर कहा है कि जब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाता तब तक जोशीमठ में भू-धंसाव के बारे में जानकारी मीडिया के साथ साझा न करें।

कार्यालय ज्ञापन उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने पर इसरो डेटा पर व्यापक मीडिया कवरेज के बाद आया है। एनडीएमए द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है कि सरकारी संस्थानों द्वारा जारी किए गए आंकड़े निवासियों के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं।

एनडीएमए ने कहा, यह देखा गया है कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विषय वस्तु से संबंधित डेटा जारी कर रहे हैं और वे स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत भी कर रहे हैं। यह न केवल प्रभावित निवासियों बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा कर रहा है।

13 जनवरी को जारी पत्र में आगे कहा गया है कि 12 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया था। जोशीमठ में जमीन धंसने के आकलन के लिए विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है। आपसे अनुरोध है कि इस मामले के बारे में अपने संगठन को संवेदनशील बनाएं और एनडीएमए द्वारा विशेषज्ञ समूह की अंतिम रिपोर्ट जारी होने तक मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ भी पोस्ट करने से बचें।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर टिप्पणी की : वह संवैधानिक संस्था से एक-दूसरे पर हमला करवाते हैं। अब, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इसरो को चुप रहने के लिए कहता है। लेकिन सैटेलाइट तस्वीर कैसे झूठ बोल सकती है? यह नया भारत है, जहां केवल एक आदमी सब कुछ जानता है, और यह तय करता है कि किसी भी चीज पर कौन बोलेगा।

केसी/एसजीके

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times