नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल स्नातक (एमबीबीएस एवं बीडीएस) और अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए चार मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता से प्रवेश परीक्षा (नीट)-2025 की ओएमआर सीट में छेड़छाड़ के आरोप वाली एक याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की पीठ ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले विद्यार्थी दुदेकुला शमीरा की याचिका खारिज कर दी। पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नेदुम्परा ने दलील दी कि उसकी ओएमआर में छेड़छाड़ की गई है।
परीक्षा के बाद उसे जो ओएमआर उत्तर पत्रक दिया गया था, वह उसके द्वारा जमा किए गए उत्तर पत्रक से मेल नहीं खाता, क्योंकि उसने 180 में से 171 प्रश्नों के सही उत्तर दिए थे। इसके विपरीत, परीक्षा परिणाम वाले ओएमआर पत्रक में बताया गया कि उसने केवल 11 प्रश्नों के उत्तर दिए थे। याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि विवादित ओएमआर पत्रक पर हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान उसका नहीं था।