भारत में आधार कार्ड अब केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि लोगों की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा आधार कार्ड जारी किया जाता है और समय-समय पर इसे अपडेट भी किया जा सकता है। UIDAI ने 1 नवंबर 2025 से आधार कार्ड से संबंधित कई नियमों में बदलाव करने की योजना बनाई है। पहले आधार कार्ड के लिए केवल कुछ जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, स्थायी पता और जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी।
नए नियमों के अनुसार, अब आप नाम, पता, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर जैसी जानकारी को ऑनलाइन अपडेट कर सकेंगे। पहले यह सुविधा केवल केंद्रों पर उपलब्ध थी, लेकिन अब सरकारी दस्तावेजों जैसे पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या राशन कार्ड से ऑटो वेरिफिकेशन किया जाएगा। इससे अपडेट की प्रक्रिया और भी तेज, आसान और सुरक्षित हो जाएगी। 1 नवंबर से आधार कार्ड के नियमों में बदलाव के तहत आधार और पैन का लिंक होना अनिवार्य होगा। UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर 2025 तक सभी पैन धारकों को अपने पैन को आधार से लिंक कराना होगा।
यदि ऐसा नहीं किया गया, तो 1 जनवरी 2026 से पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा। नए पैन आवेदनों के लिए भी आधार वेरिफिकेशन आवश्यक होगा। इसके बाद ही आप अपना पैन नंबर का उपयोग कर सकेंगे। आधार अपडेट के लिए अब अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं। नाम, पता या मोबाइल नंबर अपडेट करने पर 75 रुपये का शुल्क लगेगा। फिंगरप्रिंट, आईरिस या फोटो अपडेट करने पर 125 रुपये, बच्चों (5 से 7 साल और 15 से 17 साल) के लिए बायोमेट्रिक अपडेट मुफ्त होगा।
ऑनलाइन डॉक्यूमेंट अपडेट 14 जून 2026 तक मुफ्त रहेगा, इसके बाद 75 रुपये का शुल्क लगेगा। आधार प्रिंट निकालने की फीस 40 रुपये होगी, और घर पर नामांकन सेवा के लिए पहले व्यक्ति के लिए 700 रुपये और उसी पते पर हर अतिरिक्त व्यक्ति के लिए 350 रुपये का शुल्क देना होगा।


