उत्तरप्रदेश में नई विधानसभा बनाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। 2023-24 में सरकार ने इस परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था, लेकिन भूमि तय न होने के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका। अब योगी सरकार की नजर सहारा समूह की 245 एकड़ में फैली जमीन पर है। शासन के निर्देश पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने सहारा शहर की जमीन की पैमाइश और सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है। सर्वे रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। अब सरकार की मुहर लगना बाकी है।
पिछले महीने शासन ने LDA को मौखिक निर्देश दिए थे कि सहारा शहर की जमीन की नपाई की जाए और उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। LDA ने यह काम पूरा कर लिया है और अब रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस फैसले पर योगी सरकार निर्णय ले सकती है। जानकारी के अनुसार, यह जमीन पहले सहारा इंडिया को लीज पर दी गई थी। 245 एकड़ की जमीन सहारा और नगर निगम दोनों के हिस्से थे।
नगर निगम के पास 130 एकड़ जमीन थी जिसे LDA ने नगर निगम को अन्य योजनाओं के बदले में दी थी। यह हस्तांतरण एक पत्र के आधार पर हुआ था, लेकिन दस्तावेजों में अब भी LDA का ही नाम दर्ज है। नगर निगम ने इस जमीन में से 170 एकड़ भूमि सहारा इंडिया को कालोनी बसाने के लिए लीज पर दी थी, जबकि एलडीए ने 75 एकड़ जमीन ग्रीन बेल्ट के विकास के लिए लीज पर दी थी। शर्तों के उल्लंघन के चलते एलडीए ने पिछले साल और नगर निगम ने एक महीने पहले लीज को निरस्त कर दिया था।
इसके बाद शासन ने जमीन की नपाई और सर्वे के निर्देश दिए थे। सरकार इस भूमि पर नई विधानसभा या उससे जुड़े प्रशासनिक भवनों के निर्माण की योजना बना रही है। गोमतीनगर के बीचोंबीच स्थित यह जमीन न केवल राजधानी के बीच में है बल्कि प्रमुख मार्गों से जुड़ी होने के कारण सरकारी परियोजनाओं के लिए रणनीतिक दृष्टि से भी आदर्श मानी जा रही है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, अब आगे का निर्णय वहीं से लिया जाएगा।


