8वां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को 7वें वेतन आयोग के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा, लेकिन इसका लाभ 2027 से मिलेगा। केन्द्र सरकार ने आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया है, जिससे आयोग अप्रैल 2027 तक सिफारिशें सौंपेगा और इसे अक्टूबर-नवंबर 2027 तक लागू किया जा सकेगा। आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते, बोनस, ग्रेच्युटी और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की समीक्षा करना है। वर्तमान में 50 लाख कर्मचारी और 68.72 लाख पेंशनर्स को इसका लाभ मिलेगा।
नए वेतन आयोग में मूल वेतन, महंगाई भत्ता, फिटमेंट फैक्टर और अन्य भत्तों में बदलाव होगा। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं, जिसके तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18000 रुपये हो गई थी। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सामान्यतः 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। यदि देरी होती है, तो बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये से बढ़कर 34560 या 51480 रुपये हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर 2.57 से घटकर 2.28, 1.92 या 2.86 हो सकता है, और डीए शून्य हो जाएगा। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ता 58 प्रतिशत है, जो जनवरी 2026 में 60% तक जाने की उम्मीद है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.92 होता है, तो वेतन में 92% की वृद्धि हो सकती है। 2.47 फिटमेंट फैक्टर पर 18000 रुपये का बेसिक वेतन लगभग 44460 रुपये हो सकता है। 2.86 फिटमेंट होने पर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 51480 रुपये तक पहुंच सकती है। पेंशन में वृद्धि के साथ महंगाई राहत भी बढ़ेगी।
8वें वेतन आयोग से केंद्र सरकार के कर्मचारी, रक्षा कर्मी, रेलवे कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

