रोहट। मानवता को झकझोर देने वाली घटना जैतपुर थाना क्षेत्र के भांवरी गांव के भगनाडा के पास सामने आई। यहां जंगल में लकड़ियों के बीच करीब तीन दिन का एक नवजात बच्चा मिला। मासूम को किसी ने कपड़े में लपेटकर फेंक दिया था। गनीमत रही कि समय रहते उसकी रोने की आवाज पशुपालक तक पहुंची और उसकी जान बच गई। जानकारी के अनुसार पशुपालक दिनेश ने जंगल से मासूम के रोने की आवाज सुनी। उसने पास के आश्रम में रहने वाले संत मनमोहनदास को बताया। संत मौके पर पहुंचे तो देखा कि बच्चा लकड़ियों के बीच पड़ा है।
कपड़े भी खराब हो चुके थे और बच्चा लगातार रो रहा था। संत मनमोहनदास उसे अपने आश्रम ले आए और परिचित डॉक्टर से सलाह लेकर गाय का दूध पिलाया। दूध पीने के बाद बच्चा शांत हो गया और सो गया। इसके बाद पुलिस को सूचना देकर बच्चे को तुरंत पाली के बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचाया गया। डॉक्टर बोले, हालत फिलहाल ठीक – बांगड़ हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके विश्नोई ने बताया कि बच्चा करीब तीन दिन का है। उसकी सभी जांचें की जा रही हैं, ताकि किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन का पता चल सके।
फिलहाल उसकी हालत स्थिर है।


