छात्रसंघ चुनाव न कराने से अधिकारों का उल्लंघन नहीं: विश्वविद्यालय

Tina Chouhan

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए दायर याचिका में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना जवाब पेश किया है। जवाब में कहा गया कि छात्रसंघ चुनाव न कराने से याचिकाकर्ता के किसी अधिकार का हनन नहीं होता है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाए। अदालत में जय राव व अन्य द्वारा दायर इस याचिका पर 3 सितंबर को सुनवाई होगी। विवि प्रशासन ने कहा कि सत्र 2023-24 में भी राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव न कराने का निर्णय ले चुकी है। हितेश यादव और विकास ने इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं।

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई आदेश नहीं दिया और ये याचिकाएं अभी भी लंबित हैं। याचिकाकर्ता ने इस तथ्य की जानकारी अपनी याचिका में अदालत को नहीं दी। विवि ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव लड़ना और उसमें मतदान करना संवैधानिक और मूलभूत अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी यह स्पष्ट कर चुका है कि विधायक और सांसद के लिए चुनाव लड़ना मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि केवल वैधानिक अधिकार है। इसके अलावा यूजीसी के 2018 के नियमों के अनुसार 180 दिन का शैक्षणिक सत्र होना चाहिए। सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद 90 दिन के दो सेमेस्टर अनिवार्य हैं।

यदि चुनाव हुए तो शैक्षणिक कैलेंडर प्रभावित होगा। इस प्रकार, छात्रसंघ चुनाव न कराने से याचिकाकर्ता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो रहा है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाए। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने जवाब में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव न कराने की बात कही थी।

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