कवाई। कस्बे के विभिन्न मोहल्लों में लंबे समय से खाली पड़े भूखंड कचरा फैंकने का अड्डा बन चुके हैं। इससे उठने वाली दुर्गंध और मच्छर व अन्य जहरीले जीव-जंतु बीमारियों का खतरा हर समय मंडराता रहता है। मोहल्ले वासियों का कहना है कि जहां सरकार और प्रशासन स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से स्वच्छता का संदेश देते हैं, वहीं कई जिम्मेदार सरकारी कर्मचारी ही भूखंडों में गंदगी का कारण बने हैं। कई भूखंड सरकारी कर्मचारियों के नाम हैं, जो उन्हें खरीद तो लेते हैं, पर रख-रखाव या सफाई पर ध्यान नहीं देते।
सूत्रों के अनुसार ये भूखंड भविष्य में दुगना-तिगुना दाम मिलने की आशा में खाली रखे जाते हैं। ग्रामीणों ने कई बार पंचायत और जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब ग्राम पंचायत ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भूखंड मालिकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाई थी समस्या कवाई कस्बे के विभिन्न मोहल्लों में लंबे समय से खाली पड़े भूखंडों में कचरा फैंकने से होने वाली समस्या को लेकर नवज्योति ने 19 जुलाई को खबर को निजी भूखंड बीमारियों का बन रहे ठिकाना शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसका असर यह हुआ कि ग्राम पंचायत प्रशासन हरकत में आया और अब ग्राम पंचायत ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भूखंड मालिकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। जिससे अब मौहल्लेवासियों को गदंगी और बीमारियों से राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
इसके लिए कस्बेवासियों और मोहल्लेवासियों ने नवज्योति का आभार जताया है। जिन भूखंडों में गंदगी पाई गई है, उनके मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्हें निर्धारित समय में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि समय पर सफाई नहीं कराई गई तो आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।- रामप्रताप सिंह, विकास अधिकारी