कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI ने आज मध्यप्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल करने, वोट चोरी पर रोक लगाने, प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में हुए फर्जीवाड़े और नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी फैकल्टी नियुक्तियों पर कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर राजधानी भोपाल में जबरदस्त प्रदर्शन किया। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार एवं जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में हजारों की संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता हाथों में झंडे और तख्तियां लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से राजभवन तक रैली लेकर निकले। लेकिन पुलिस ने रेड क्रॉस चौराहे पर बैरिकेडिंग कर कार्यकर्ताओं को रोक लिया।
बैरिकेडिंग पर चढ़े, पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस द्वारा रोके जाने से एनएसयूआई कार्यकर्ता भड़क गये फिर उनके और पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। एनएसयूआई कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और नारेबाजी करते रहे। 2 घंटे तक कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उसके बाद पुलिस ने प्रदेश प्रभारी रवि दांगी, प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार, जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर, प्रदेश महासचिव सैयद अल्तमस सहित एक दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। सरकार को सुननी होगी छात्रों की आवाज। प्रदेश प्रभारी रवि दांगी ने कहा कि “एनएसयूआई प्रदेशभर के युवाओं के साथ खड़ी है।
हमारा संघर्ष सिर्फ छात्र संघ चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा में हो रहे फर्जीवाड़े और निजीकरण के खिलाफ भी है। सरकार को अब छात्रों की आवाज सुननी होगी, वरना आंदोलन और तेज किया जाएगा।” सरकार पर नेताओं ने लगाये गंभीर आरोप। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि “एनएसयूआई के इस संघर्ष ने प्रदेश सरकार की जनविरोधी और शिक्षा विरोधी नीतियों की पोल खोल दी है। सरकार युवाओं की आवाज़ से डरकर छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं कर रही, क्योंकि उसे पता है कि छात्र राजनीति में एनएसयूआई ही सच्चा प्रतिनिधित्व करती है।
छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाया जा रहा।” एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि “प्रदेश में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाया जा रहा है। छात्र संघ चुनाव बहाल ना करना युवाओं की आवाज़ को दबाने का प्रयास है। एनएसयूआई इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी। फर्जी नर्सिंग कॉलेजों और निजी विश्वविद्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार पर सरकार मौन है, जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।” आंदोलन छात्रों की आवाज है, कोई नहीं रोक सकता।
जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि “मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में छात्रों से फीस वसूली तो की जा रही है, लेकिन न तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है और न ही पारदर्शिता है। छात्र संघ चुनाव बहाली से ही छात्र अपने अधिकारों के लिए संगठित आवाज उठा पाएंगे। एनएसयूआई का यह आंदोलन छात्रों की आवाज है, जिसे अब कोई नहीं रोक सकता।” मांगे नहीं मानने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी। एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि यदि प्रदेश सरकार ने छात्रों की समस्याओं और मांगों की अनदेखी जारी रखी तो जल्दी एनएसयूआई प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
एनएसयूआई का यह संघर्ष शिक्षा में पारदर्शिता, युवाओं के अधिकार और लोकतांत्रिक व्यवस्था की पुनःस्थापना के लिए जारी रहेगा।


