पनवाड़। पनवाड़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सड़क की अनुपस्थिति के कारण लोगों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खानपुर उपखंड की ग्राम पंचायत सरखंडिया के ओदपुर गांव में ग्रामीण पिछले कई वर्षों से दो किलोमीटर पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के नारे के साथ चुनाव का बहिष्कार किया था।
तब अधिकारियों ने पक्की सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन अब ग्रामीण फिर से सड़क की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं और आगामी पंचायती राज चुनाव में बहिष्कार का निर्णय लिया है। ओदपुर गांव के निवासी श्याम बिहारी शर्मा, गोविंद शर्मा, बिट्टू मीणा, विजय जांगिड़, ललित जांगिड़ और त्रिलोक मीणा ने बताया कि आजादी के 79 वर्ष बाद भी ओदपुर गांव जिले की सड़क से वंचित है। खुमावदा गांव से ओदपुर तक मुख्य सड़क का निर्माण न होने के कारण ग्रामीणों को अस्पताल, स्कूल और पंचायत मुख्यालय जैसी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
ओदपुर और खुमावदा के बीच की दूरी केवल दो किलोमीटर है, लेकिन बारिश के मौसम में सड़क की स्थिति खराब हो जाती है, जिससे पैदल और वाहनों से निकलना मुश्किल हो जाता है। इससे स्कूल जाने वाले छात्रों और बीमार व्यक्तियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बारिश में ग्रामीणों को अस्पताल पहुंचने के लिए खजुरी गांव होकर जाना पड़ता है, जहां नांगली नदी की पुलिया पानी में डूबी रहती है। इससे उन्हें 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है, जिससे समय और धन की बर्बादी होती है।
ओदपुर गांव में सड़क की मांग के लिए कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।


