ओपन किचन में वास्तु दोष से बचने के लिए 3 महत्वपूर्ण उपाय

vikram singh Bhati

आजकल ओपन किचन का चलन हर नए घर में देखा जा रहा है। लोग केवल डिज़ाइन की सुंदरता और आधुनिक लुक के लिए ही नहीं, बल्कि अपने परिवार के साथ जुड़ाव बढ़ाने और घर को खुला दिखाने के लिए भी ओपन किचन चुन रहे हैं। ऐसे किचन में खाना बनाते समय भी आप अपने मेहमानों या बच्चों पर नज़र रख सकते हैं, जो पारंपरिक बंद रसोई में संभव नहीं होता। लेकिन, वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर में ‘अग्नि’ का स्थान होता है और इसका घर की ऊर्जा पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

यदि रसोई का डिज़ाइन सही नहीं है, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ सकता है, जो सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि में बाधा डाल सकता है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि ओपन किचन में सिर्फ डिज़ाइन नहीं, बल्कि सटीक ऊर्जा संतुलन बहुत जरूरी है। ओपन किचन में वास्तु दोष से बचने के लिए पहला कदम ओपन किचन में सबसे ज्यादा वास्तु दोष उस समय उत्पन्न होता है जब सिंक और गैस स्टोव एक-दूसरे के बहुत पास होते हैं। वास्तु शास्त्र में पानी और अग्नि तत्व एक-दूसरे के विपरीत माने जाते हैं।

यदि ये दोनों पास होंगे, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है, जिससे परिवार में तनाव या मनमुटाव बढ़ सकता है। यदि जगह की कमी के कारण सिंक और स्टोव पास हैं, तो उनके बीच में चीनी मिट्टी का फूलदान या मिट्टी का गमला रखें। यह छोटे उपाय विरोधी तत्वों के टकराव को कम करते हैं और रसोई की सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये उपाय न केवल वास्तु दोष कम करते हैं, बल्कि घर की सुख-शांति और धन की वृद्धि में भी मददगार होते हैं।

रसोई और लिविंग एरिया के बीच स्पष्ट सीमा रखें ओपन किचन में आमतौर पर कोई दीवार नहीं होती, लेकिन वास्तु अनुसार रसोई का कार्यक्षेत्र घर के मुख्य हिस्से से अलग होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि रसोई का वर्किंग एरिया साफ और व्यवस्थित दिखना चाहिए। रसोई के प्रवेश द्वार पर सुंदर पर्दा लगाएं जो इस्तेमाल न होने पर बंद रखा जा सके। अगर पर्दा संभव न हो, तो रसोई के खत्म होने वाले स्थान पर ट्रायंगल क्रिस्टल लगाएं।

यह क्रिस्टल एक अदृश्य चौखट का काम करता है और रसोई की ऊर्जा को घर के बाकी हिस्सों से अलग करता है। इस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उपाय से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में समृद्धि और शांति बनी रहती है। रंग और प्रकाश का सही चुनाव रंग और प्रकाश का ओपन किचन में वास्तु के अनुसार बहुत बड़ा महत्व है। हल्के और सकारात्मक रंग न केवल रसोई को खूबसूरत बनाते हैं, बल्कि ऊर्जा प्रवाह को भी संतुलित रखते हैं। हल्का पीला, क्रीम, हल्का नारंगी या हल्का गुलाबी रंग ओपन किचन में सबसे बेहतर होते हैं।

प्राकृतिक या उज्ज्वल प्रकाश का इस्तेमाल करें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाए और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। रसोई में छोटे, रंगीन एलईडी लाइट्स या हल्के वॉरम टोन की लाइट्स लगाने से वातावरण खुशनुमा और ऊर्जा से भरा रहता है। ओपन किचन में साफ-सफाई और व्यवस्था बनाए रखना वास्तु में कहा गया है कि रसोई का साफ और व्यवस्थित होना घर में समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। ओपन किचन में वर्किंग टेबल, स्टोव, सिंक और शेल्फ़ का सही ढंग से व्यवस्थित होना वास्तु दोष कम करता है। रसोई में जाम और अव्यवस्था न रखें।

सब्जियों, मसालों और अन्य सामान के लिए अलग-अलग जगह तय करें। किचन में जंग लगे बर्तन या टूटी हुई चीज़ें न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। ओपन किचन का क्या प्रभाव पड़ता है? ओपन किचन केवल डिज़ाइन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह घर की समृद्धि, परिवारिक संबंध और स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। सही वास्तु उपायों के साथ ओपन किचन में रहना नकारात्मकता को कम करता है, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है और घर में खुशहाली लाता है।

वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि तीन आसान उपाय पानी और अग्नि का संतुलन, रसोई और लिविंग एरिया के बीच स्पष्ट सीमा, सही रंग और प्रकाश का चुनाव को अपनाकर कोई भी घर ओपन किचन के फायदों के साथ सुरक्षित और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रखा जा सकता है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal