ऑपरेशन सिंदूर में वायु सेना की सफलता और स्वदेशी हथियारों की भूमिका

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

हिंडन। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना करते हुए इसे भारतीय वायु सेना की क्षमताओं की सटीकता, पेशेवर कुशलता और ताकत का प्रमाण बताया है। एयर चीफ मार्शल सिंह ने वायु सेना की 93वीं वर्षगांठ के अवसर पर भव्य परेड के बाद वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का परिणाम वायु सेना को गौरव का अहसास कराता है।

उन्होंने कहा- ऑपरेशन सिंदूर में हमारा प्रदर्शन हमें पेशेवर गौरव से भर देता है और इसने यह साबित कर दिया है कि वायु सेना की ताकत के इस्तेमाल से कैसे कुछ ही दिनों में सैन्य परिणामों को प्रभावी ढंग से आकार दिया जा सकता है। भारत के साहसिक और सटीक हमलों ने राष्ट्रीय चेतना में वायु सेना की आक्रामक कार्रवाई के उचित स्थान को फिर से स्थापित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित और एकीकृत हथियारों की सफलता ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वायु सेना प्रमुख ने कहा- स्वदेशी रूप से विकसित और एकीकृत हथियारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के इलाके में अंदर तक सटीक और विनाशकारी प्रहार किए। यह घरेलू क्षमताओं में हमारे विश्वास को पुष्ट करता है। ऑपरेशन सिंदूर इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण है कि सावधानीपूर्वक योजना, अनुशासित प्रशिक्षण और दृढ़ निश्चयी कार्यान्वयन के माध्यम से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डालते हुए एयर चीफ मार्शल सिंह ने संचालन योजनाओं में नई प्रणालियों, हथियारों और उपकरणों के एकीकरण में उल्लेखनीय तेजी की ओर इशारा किया।

उन्होंने कहा- हमारी संचालन योजनाओं में नई प्रणालियों, हथियारों और उपकरणों के एकीकरण की बढ़ी हुई गति एक महत्वपूर्ण सफलता रही है। मैं देख सकता हूं कि वायु योद्धाओं में जवाबदेही और सुरक्षा की संस्कृति बढ़ी है और यह सीधे तौर पर दुर्घटनाओं और घटनाओं की संख्या में कमी से परिलक्षित हो रही है। उन्होंने कहा- सभी स्तरों पर अधिकारी आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं – असाधारण दूरदर्शिता और सहानुभूति का प्रदर्शन कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक प्रशिक्षण और प्रेरणा मिले।

वायुसेना प्रमुख ने भविष्य की तैयारी और संयुक्त संचालन शक्ति के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा- अपनी विजय और सफलताओं का जश्न मनाते हुए, हमें भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारी योजनाएं नवीन, व्यावहारिक और अनुकूल होनी चाहिए। हमारा प्रशिक्षण जैसे हम लड़ते हैं, वैसे ही प्रशिक्षण के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए – ईमानदार, कठोर और उभरती चुनौतियों के लिए प्रासंगिक। एयर चीफ मार्शल सिंह ने एकता और तालमेल के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा- जीत प्रभावी टीम वर्क से मिलती है।

हमें अपनी सामूहिक शक्ति का लाभ उठाना चाहिए, तालमेल बढ़ाना चाहिए और न केवल भारतीय वायु सेना के भीतर, बल्कि अन्य रक्षा सेवाओं और संगठनों के साथ भी अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अंतर-संचालन को बढ़ावा देना चाहिए।

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