जयपुर। विधानसभा में विपक्ष की तरफ लगाए गए कैमरों का मुद्दा बुधवार को भी हावी रहा। विपक्ष के सदस्यों ने सदन में एक्स्ट्रा कैमरे लगाए जाने पर गंभीर आपत्ति जताई और सवाल उठाए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि ये कैमरे सदन स्थगित होने के बाद भी चालू रहते हैं और इनके एक्सेस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार और विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने पूछा कि इन कैमरों का यूट्यूब से कोई सीधा एक्सेस है या नहीं और यह भी स्पष्ट करें कि आखिर किसके निर्देश पर ये कैमरे लगाए गए। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि सदन में कैमरे कोई नई बात नहीं हैं। विधानसभा भवन की स्थापना से ही कैमरे लगे हुए हैं और समय-समय पर तकनीकी अपग्रेडेशन के तहत इन्हें बदला जाता रहा है। स्पीकर ने कहा कि कैमरों से केवल वीडियो रिकॉर्डिंग होती है, इनमें किसी भी प्रकार का ऑडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम नहीं है।
उन्होंने साफ कहा कि कैमरों से किसी की निजता का हनन नहीं होगा और न ही भविष्य में ऐसी कोई स्थिति बनेगी। स्पीकर ने कहा कि 15वीं विधानसभा से ही यूट्यूब पर लाइव प्रसारण शुरू किया गया था, जिसके लिए पूरे सदन में कैमरे आवश्यक हैं। इसके अलावा राष्ट्रमंडल संसदीय संघ जैसे बड़े आयोजनों के प्रसारण और विभिन्न कोणों से कवरेज के लिए भी कैमरे लगाए जाते हैं। अफसरों की अनुपस्थिति पर उठते सवालों के मद्देनजर ऑफिसर्स गैलरी में भी कैमरे लगाए गए हैं।
उन्होंने दोहराया कि यह केवल तकनीकी प्रक्रिया है और किसी प्रकार की चिंता की आवश्यकता नहीं है। अध्यक्ष के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वेल में नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। इसी दौरान सदन ने झालावाड़ हादसे में मारे गए मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि दी। सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।