पटना, 20 मई ()। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को यहां कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों के पदस्थापन में पारदर्शिता और उत्तरदायी प्रक्रिया लाने के लिए केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई है।
उन्होंने कहा कि देश की राजधानी होने के नाते दुनिया में भारत की छवि राजधानी दिल्ली पर भी निर्भर करती है।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मनमानी ढंग से दिल्ली सरकार के अधिकारियों की पोस्टिंग और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की पदस्थापन में पारदर्शिता और उत्तरदायी प्रक्रिया लाने के लिए केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई है।
प्रसाद ने कहा कि यह अध्यादेश लाने के पीछे मुख्य कारण है कि दिल्ली सरकार में हो रहे घोटाले का उजागर करने वाले अधिकारियों समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जो बदसूलकी की जा रही थी, उस से दिल्ली की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने की कई शिकायतें आई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपए के नोट का प्रचलन प्रक्रियात्मक ढंग से बंद करने के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि यह आरबीआई का फैसला है और आरबीआई ने इस फैसले के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।
आरबीआई ने कहा है कि वर्ष 2016 में 2000 रुपए की नोट जारी की गयी थी। छह साल बाद अब इन नोटों का प्रचलन बहुत कम हो गया है। पहले इसका प्रचालन 30 प्रतिशत था जो घटकर लगभग 10 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने वर्ष 2013-14 में भी इसी प्रकार प्रक्रियात्मक ढंग से कई नोट का प्रचलन बंद किया था। यह नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक प्रकिया है जिसके तहत किसी भी डिनॉमिनेशन के नोट को प्रचलन से बाहर किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक एक स्वायत्त संस्थान है, जो अपने कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल करती है।
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