धान पंजीकरण की अवधि बढ़ी, 16 जिलों के किसानों को मिलेगा नया मौका

vikram singh Bhati

धान का पंजीकरण कराने से चूक गए किसानों के लिए अच्छी खबर है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर सरकार ने फैसला लिया है कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए बचे हुए किसानों का पंजीकरण अब 6 नवंबर तक हो सकेगा। बता दें सरकार ने धान उपार्जन के लिए पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित की थी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई जिलों से यह सुझाव प्राप्त हुए थे कि तकनीकी कारणों, समयाभाव या मौसम की बाधाओं के चलते कुछ किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीकरण नहीं करा पाए हैं। कलेक्टरों द्वारा भेजे गए इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार ने पंजीकरण की अवधि में विस्तार का निर्णय लिया है ताकि कोई भी पात्र किसान सरकारी खरीदी से वंचित न रह जाए। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि इस संबंध में सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए हैं।

आदेश के अनुसार डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, दमोह, सिवनी, मैहर, उमरिया, जबलपुर, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल और पन्ना जिलों में अब शेष किसानों का पंजीकरण निर्धारित नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा। पंजीकरण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी खाद्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि, प्रत्येक पंजीकरण केन्द्र पर खाद्य, सहकारिता, राजस्व एवं कृषि विभाग के नोडल अधिकारी की उपस्थिति में ही बचे हुए किसानों का पंजीकरण किया जाएगा। केन्द्रवार केवल उन शेष किसानों का ही पंजीकरण होगा, जिनके नाम जिला प्रस्ताव में उल्लेखित हैं।

किसान पंजीकरण हेतु आवश्यक दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि 6 नवंबर तक शेष रहे किसानों का पंजीकरण हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए। खाद्य मंत्री राजपूत ने कहा कि, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों के हर वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने से वंचित न रह जाए, यह हमारा दायित्व है। इसीलिए पंजीकरण अवधि बढ़ाई गई है।

उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। खरीफ उपार्जन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी एवं सुगम बनाया जा रहा है ताकि किसान को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। खाद्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ यादव ने हमेशा किसानों को प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा है। उनकी पहल पर प्रदेश में कृषि आधारित योजनाओं का विस्तार किया गया है। सिंचाई, बीज, खाद, बिजली और फसल बीमा जैसी योजनाओं से किसानों को लगातार राहत दी जा रही है।

धान उपार्जन पंजीकरण अवधि बढ़ाए जाने का यह निर्णय इसी दृष्टि का विस्तार है। यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य का कोई भी किसान समर्थन मूल्य का लाभ पाने से वंचित न रहे।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal