पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत पर आरोप लगाया, अफगानिस्तान में बढ़ते तनाव पर टिप्पणी

vikram singh Bhati

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर हाल के हफ्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें भारत का नाम भी शामिल किया जा रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह दावा किया है कि अफगान सीमा पर बिगड़ते हालात के पीछे भारत का हाथ है। उनका कहना है कि भारत, पाकिस्तान को पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर उलझाना चाहता है, लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं प्रस्तुत किए। ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक योजनाबद्ध साजिश रच रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अफगान सीमा के साथ-साथ भारत के साथ लगी सीमा पर भी तनाव झेल रहा है। नई दिल्ली की मंशा है कि पाकिस्तान को अस्थिर रखा जाए। अफगानिस्तान के साथ बढ़ते तनाव पर उन्होंने कहा कि अगर दुनिया को सबूत चाहिए, तो पाकिस्तान के पास वह मौजूद हैं, लेकिन उन्होंने न तो कोई दस्तावेज पेश किया और न ही कोई वीडियो या इंटेलिजेंस रिपोर्ट साझा की।

कतर और तुर्किए की मध्यस्थता पर बातचीत करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इन देशों के सहयोग से अगर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरू हो सके, तो सीमा पर बढ़ रहे तनाव को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बने, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी जरूरी है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर संघर्ष जारी है, जिसे दुरंद लाइन कहा जाता है। सीमावर्ती इलाके में अक्सर गोलीबारी की घटनाएं होती रहती हैं।

पाकिस्तान का दावा है कि अफगानिस्तान से घुसपैठ और आतंकवादी हमले हो रहे हैं, जबकि काबुल की तालिबान सरकार का कहना है कि पाकिस्तान बार-बार उनके नियमों का उल्लंघन कर रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में एयर स्ट्राइक की थी, जिसके जवाब में अफगानी सेना ने पाकिस्तानी चौकियों पर फायरिंग की थी। इस हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए। 9 अक्टूबर को काबुल में हुए भीषण धमाकों ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया। इस घटना में 70 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

अफगान सरकार ने इस्लामाबाद पर हमले की साजिश का आरोप लगाया था, जबकि पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराया। ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि भारत तालिबान नेताओं को गुमराह कर रहा है। काबुल में बैठे लोग अब भारत की कठपुतली की तरह व्यवहार कर रहे हैं। नई दिल्ली ने तालिबान को इस्लामाबाद के खिलाफ भड़काया है, ताकि पाकिस्तान के भीतर अस्थिरता फैलाई जा सके।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से चाहता है कि अफगानिस्तान की धरती पर शांति स्थापित हो और आतंकवाद की जड़ें खत्म की जाएं, क्योंकि वहां की स्थिति का सीधा असर पाकिस्तान की सुरक्षा पर पड़ता है। भारत की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार इस वक्त घरेलू मोर्चे पर दबाव में है, जिसमें महंगाई, राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ते आतंकवादी हमले शामिल हैं। ऐसे में वह अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारत का नाम ले रही है।

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ख्वाजा आसिफ के बयान पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति का हिस्सा हैं।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal