पाकिस्तान की ड्रोन तस्करी से भारत की सुरक्षा को खतरा

Tina Chouhan

जयपुर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक नया खतरा उभर रहा है। पाकिस्तान अब गोलियों या बारूदी सुरंगों के बजाय ड्रोन के माध्यम से नशे की खेपें गिराकर भारत की सुरक्षा और समाज को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों ने 60 ड्रोन पकड़े हैं, जो गंगानगर और बीकानेर सेक्टर में सबसे सक्रिय रहे हैं। इनसे बरामद 150 किलो हेरोइन की कीमत 75 करोड़ रुपए आंकी गई है।

सुरक्षा एजेंसियों को चिंता है कि यदि यह सिलसिला नशे तक सीमित नहीं रहा और हथियारों की सप्लाई में बदल गया, तो यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक शांति पर सीधा हमला होगा। यह कोई साधारण अवैध कारोबार नहीं है; ड्रोन से 150 किलो हेरोइन गिराने और उसके नेटवर्क की जड़ें यह दर्शाती हैं कि इन ड्रोन अभियानों के पीछे संगठित तस्करी हो सकती है, जिससे संभावित आतंकवादी सहायता या राज्य-स्तरीय प्रयोग की आशंका भी है। जब नशे की खेपें इतनी आसानी से सीमा पार कर रही हों, तो अगला चरण हथियारों की सप्लाई का हो सकता है।

भारत-पाक सीमा की लंबाई 1070 किमी है, जिसमें पाकिस्तान के पंजाब और सिंध राज्य शामिल हैं। राजस्थान के गंगानगर में 210 किमी, बीकानेर में 168 किमी, फलोदी में 16 किमी, जैसलमेर में 450 किमी और बाड़मेर में 228 किमी सीमा पाकिस्तान से सटी है। ड्रोन गतिविधि सबसे ज्यादा गंगानगर और बीकानेर में रही है। प्रारंभ में ड्रोन हल्के थे, लेकिन अब भारी ड्रोन आते हैं, जो 8-10 किलो वजन ले जा सकते हैं। गर्मियों में ड्रोन की आवाजाही तेज होती है, जबकि सर्दियों में यह कम हो जाती है।

पाकिस्तान की ओर से सबसे ज्यादा ड्रोन मई से अगस्त के बीच भेजे जाते हैं। स्थानीय गुर्गा सही लोकेशन पाकिस्तान में अपने आका को भेजता है, जो तस्करी के लिए ड्रोन से सामान वहां उतार देता है। इस माल का भुगतान क्रिप्टोकरंसी, बिटकॉइन या हवाला से किया जाता है। तस्करी के मामले में वृद्धि हो रही है: 2022 में 7 ड्रोन से हेरोइन पकड़ी गई, 2023 में 21 ड्रोन से खेप बरामद हुई, 2024 में 24 ड्रोन पकड़े गए, और 2025 में अब तक 8 ड्रोन से हेरोइन जब्त हुई है।

ड्रोन के माध्यम से सीमा पार तस्करी एक बड़ी चुनौती है और यह सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकती है। हमारे पास तकनीक, रणनीति और अंतर इकाई समन्वय के माध्यम से इसे सफलतापूर्वक निपटने की तैयारी है। विकास कुमार, आईजी एटीएस व एनटीएफ

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