राजस्थान में पंचायत चुनावों के जल्दी कराने पर रोक

Tina Chouhan

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा 18 अगस्त को प्रदेश की पंचायतों के चुनाव जल्दी कराने और लगभग डेढ़ दर्जन प्रशासकों को पद से हटाने के आदेश की क्रियान्विति पर खंडपीठ ने रोक लगा दी है। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील पर दिए। अदालत ने कहा कि समान बिंदु पर खंडपीठ के समक्ष मामला लंबित है। अपील में अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश गुप्ता ने बताया कि एकलपीठ ने 18 अगस्त को पंचायतों के चुनाव जल्दी कराने के आदेश देते हुए याचिकाकर्ता प्रशासकों को पद से हटाने पर रोक लगाई थी।

अपील में कहा गया कि पूर्व में पंचायतों के तीन चरणों में चुनाव हुए थे। ऐसे में संबंधित सरपंचों का कार्यकाल भी अलग-अलग चरणों में पूरा हो रहा है। सरकार एक साथ चुनाव करवाना चाहती है। राज्य सरकार सभी पंचायतों के चुनाव एक साथ कराना चाहती है। ऐसे में कार्यकाल पूरा कर चुके सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया गया। यह व्यवस्था अस्थाई तौर पर और पंचायतों के दैनिक कामकाज को सुचारू चलाने के लिए की गई थी। बाद में कुछ प्रशासकों की शिकायत मिलने पर उसे पद से हटाया गया था।

अपील में कहा गया कि इन हटाए गए प्रशासकों की किसी प्रकार की विधिक क्षति नहीं हुई है। एकलपीठ के सामने लगी याचिकाओं में जल्दी चुनाव कराने को लेकर भी कोई मुद्दा नहीं था। ऐसे में मामले में एकलपीठ की ओर से दिए आदेश को रद्द किया जाए। एकलपीठ ने करीब डेढ़ दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सरपंचों का कार्यकाल पूरा होने के छह माह में चुनाव कराए जाने चाहिए। अदालत ने बिना सुनवाई का मौका दिए याचिकाकर्ता प्रशासकों को हटाने के आदेश को भी रद्द कर दिया था।

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