मध्य प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति अपनाई है। लोकायुक्त और अन्य एजेंसियां रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करती हैं। इसी क्रम में जबलपुर लोकायुक्त टीम ने एक पंचायत सचिव को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। जबलपुर लोकायुक्त एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, बालाघाट जिले के ग्राम उकवा के किसान अंकुश चौकसे ने पंचायत सचिव योगेश हिर्वाने के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
शिकायत में अंकुश ने बताया कि उसने अपनी पट्टे की जमीन पर निर्माण कार्य की अनुमति के लिए ग्राम पंचायत उकवा कार्यालय में आवेदन दिया था, लेकिन सचिव योगेश हिर्वाने ने एनओसी देने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने सत्यापन किया, जिसमें आरोपी ने 1 लाख रुपये की मांग की और पहली किस्त के रूप में 13 नवंबर को अंकुश को ग्राम पंचायत भवन के सामने बुलाया। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत मांगने का प्रमाण मिलने के बाद कार्रवाई की।
जैसे ही अंकुश ने 50,000 रुपये की राशि योगेश को दी, लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन) 2018 की धारा-7, 13(1)B, 13(2) के तहत कार्रवाई की जा रही है।


